Khabarwala 24 News Lucknow: UP News उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्व संबंधी शिकायतों की जांच प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब लेखपाल की रिपोर्ट को अंतिम नहीं माना जाएगा, और राजस्व मामलों की जांच की जिम्मेदारी नायब तहसीलदार को सौंपी गई है। यह निर्णय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जनता दर्शन में प्राप्त शिकायतों के आधार पर लिया गया है, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को कम करना और जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
नायब तहसीलदार को जांच की जिम्मेदारी (UP News )
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (राजस्व) एसपी गोयल ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के अनुसार, नायब तहसीलदार से नीचे का कोई अधिकारी राजस्व संबंधी शिकायतों की जांच नहीं करेगा। ये शिकायतें जमीन विवाद, वारासत, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र आदि से संबंधित हो सकती हैं। नायब तहसीलदार शिकायतकर्ता की सुनवाई के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे, और अंतिम निर्णय उपजिलाधिकारी (एसडीएम) स्तर पर लिया जाएगा।
भ्रष्टाचार पर नकेल (UP News )
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार को कम करना और शिकायतों के निपटारे में पारदर्शिता लाना है। पहले, लेखपाल प्रारंभिक जांच करते थे, और उन पर अक्सर रिश्वतखोरी और पक्षपात के आरोप लगते थे। इस नए फैसले से लेखपालों की भूमिका सीमित हो जाएगी, और नायब तहसीलदार के स्तर पर जांच होने से जवाबदेही बढ़ेगी। अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा कि यह कदम सुनिश्चित करेगा कि जनता की शिकायतों का निपटारा निष्पक्ष और विश्वसनीय तरीके से हो।
जनता दर्शन से प्रेरित फैसला (UP News)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान राजस्व संबंधी शिकायतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और जांच प्रक्रिया में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए। अब शिकायतकर्ताओं की सुनवाई के आधार पर ही जांच की जाएगी, जिससे “रिपोर्ट से नहीं, सुनवाई से न्याय” का लक्ष्य हासिल होगा।
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