Khabarwala 24 News New Delhi : New Rules For Restaurants-Hotels रेस्तरां और खाद्य प्रतिष्ठानों को यह बताना अनिवार्य होगा कि व्यंजनों में असली पनीर (दूध से बना) उपयोग किया गया है या कृत्रिम तरीके से बने पनीर का। यह जानकारी मैन्यु कार्ड पर बड़े अक्षरों में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करनी होगी। दरअसल, उपभोक्ताओं को भोजन के नाम पर गुमराह होने से बचाने के लिए सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। खाद्य पदार्थों को लेकर ग्राहकों को सही जानकारी देना बेहद जरूरी है ताकि वे अपने भोजन को लेकर ठोस निर्णय ले सकें।
सख्त कार्रवाई होगी (New Rules For Restaurants-Hotels)
उपभोक्ता मामलों का विभाग इस दिशा में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और उपभोक्ता संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि नकली पनीर के उपयोग में पारदर्शिता लाई जा सके। विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले रेस्तरां के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस नीति के जल्द ही लागू होने की उम्मीद है, जिसके बाद उपभोक्ताओं को अपने पसंदीदा पनीर व्यंजनों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
इसलिए पड़ी जरूरत (New Rules For Restaurants-Hotels)
बीते कुछ समय से बाजार में ‘कृत्रिम पनीर’ का चलन तेजी से बढ़ा है। यह एक सस्ता विकल्प है, जिसे ताजे दूध की बजाय मुख्यतः पाम ऑयल, मिल्क पाउडर, स्टार्च और इमल्सीफायर्स से बनाया जाता है। यह दिखने और बनावट में असली पनीर जैसा होता है, लेकिन इसकी गुणवत्ता और पोषण मूल्य दूध से बने पनीर की तुलना में काफी कम होता है। यह कृत्रिम पनीर सस्ता होने के कारण कई रेस्तरां में उपयोग किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को भ्रम हो रहा है।
क्या चाहती है सरकार (New Rules For Restaurants-Hotels)
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि कृत्रिम पनीर की बिक्री पर पूरी तरह रोक नहीं है, लेकिन उसे असली पनीर के नाम और दाम पर बेचा जाना अनुचित है। सरकार का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को जागरूक बनाना है ताकि वे जान सकें कि उनके द्वारा खाया जा रहा पनीर दूध से बना है या फिर वनस्पति तेल और स्टार्च जैसे तत्वों से तैयार किया गया है। नई नीति के तहत, रेस्तरां और भोजनालयों को अपने मैन्यु में स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख करना अनिवार्य होगा।
स्वास्थ्य पर भी खतरा (New Rules For Restaurants-Hotels)
विशेषज्ञों के अनुसार, नकली पनीर के नियमित सेवन से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। प्रोफेसर डॉ. अशोक चौधरी ने बताया नकली अथवा कृत्रिम पनीर में पाए जाने वाले ट्रांस फैट्स के कारण इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है, जो टाइप-2 डायबिटीज का कारण बन सकता है। कुछ कृत्रिम पनीर में हानिकारक रसायन और मिल्क पाउडर हो सकते हैं, जो लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। संवेदनशील लोगों में एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।
भारत का पनीर बाजार (New Rules For Restaurants-Hotels)
उत्तर भारत में खासतौर पर पनीर प्रोटीन का प्रमुख स्रोत माना जाता है। यही कारण है कि भारत का पनीर बाजार 10.8 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। मार्केट रिसर्च कंपनी आईएमएआरसी के अनुसार, वर्ष 2033 तक भारतीय पनीर बाजार के 22.1 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, वार्षिक वृद्धि दर 8.7% रहने की संभावना है। यह कदम उपभोक्ताओं को न केवल बेहतर विकल्प चुनने में मदद करेगा, बल्कि खाद्य उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगा।