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IAS or IPS ki Factory बन चुका है यूपी के जौनपुर का गाँव माधोपट्टी, गली-गली में नजर आती है लाल और नीली बत्ती वाली कारें

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Khabarwala 24 News New Delhi : IAS or IPS ki Factory उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में स्थित एक छोटा सा गाँव माधोपट्टी ‘आईएएस और आईपीएस की फैक्ट्री’ के रूप में प्रसिद्ध हो चुका है। हालांकि, माधोपट्टी गाँव का सबसे अनोखा पहलू यह है कि यहाँ के केवल 75 परिवारों में से 47 लोग आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस अधिकारी बन चुके हैं। यह भारत में किसी भी गाँव के लिए एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।

कोई कोचिंग क्लास नहीं (IAS or IPS ki Factory)

इस रिकॉर्ड ने माधोपट्टी को देश का ऐसा गाँव बना दिया है, जहाँ सबसे अधिक संख्या में सिविल सेवाओं में कार्यरत अधिकारी पाए जाते हैं। आमतौर पर, यूपीएससी की तैयारी के लिए उम्मीदवार प्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि माधोपट्टी गाँव में कोई भी कोचिंग क्लास या प्रशिक्षण केंद्र नहीं है।

लाल और नीली बत्तियां (IAS or IPS ki Factory)

माधोपट्टी में इतने अधिक सिविल सेवा अधिकारी हैं कि पहले जब स्थानीय त्योहारों का आयोजन होता था, तो पूरे गाँव की सड़कें लाल और नीली बत्तियों वाली सरकारी गाड़ियों से जगमगाती रहती थीं। यह नज़ारा किसी भी अन्य गाँव के लिए अविश्वसनीय हो सकता है, लेकिन माधोपट्टी में यह सामान्य बात थी।

एक परिवार से पांच आईएएस (IAS or IPS ki Factory)

यह गाँव पहली बार 1995 में सुर्खियों में आया, जब यहाँ के विनय सिंह आईएएस अधिकारी बने। उसके बाद, इस परिवार से 4 और उम्मीदवारों ने यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस अधिकारी बनने की उपलब्धि हासिल की। यहाँ के युवा सिर्फ अपनी मेहनत, लगन और अनुशासन के बल पर सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

महिलाओं की भी उपलब्धि (IAS or IPS ki Factory)

माधोपट्टी गाँव की सफलता केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है। इस गाँव की महिलाएँ भी किसी से कम नहीं हैं। बिना किसी कोचिंग और विशेष प्रशिक्षण के, यहाँ की कई महिलाओं ने भी यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनने में सफलता प्राप्त की है। यह इस गाँव की दृढ़ता और शिक्षा के प्रति जागरूकता को दर्शाता है।

सफलता की मिसाल गांव (IAS or IPS ki Factory)

माधोपट्टी गाँव की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर दृढ़ संकल्प, मेहनत और सही दिशा में प्रयास किए जाएँ, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह गाँव देशभर के छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है और अपनी अनूठी उपलब्धियों के कारण आईएएस और आईपीएस की फैक्ट्री के रूप में प्रसिद्ध हो गया है।

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