Khabarwala 24 News New Delhi : 52nd Chief Justice of India देश की सर्वोच्च अदालत को जल्द ही अपना नया नेतृत्व मिलने जा रहा है। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (BR Gavai) 14 मई 2025 को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे। दरअसल, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। बता दें कि कानून मंत्रालय ने CJI संजीव खन्ना से पूछा था कि अगले सीजेआई का नाम बताएं. न्यायमूर्ति संजीव ने परंपरा के अनुरूप न्यायमूर्ति बीआर गवई के नाम की सिफारिश की थी, जिसे स्वीकृति मिल गई है।
14 मई पद की शपथ दिलाएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (52nd Chief Justice of India)
बीआर गवई, न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश पद तक पहुंचने वाले दूसरे दलित न्यायाधीश होंगे। न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल लगभग छह महीने का होगा, क्योंकि वे नवंबर 2025 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वहीं, बीआर गवई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 14 मई पद की शपथ दिलाएंगी।
महत्वपूर्ण निर्णयों का हिस्सा रहे हैं न्यायमूर्ति गवई (52nd Chief Justice of India)
न्यायमूर्ति गवई सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने 2016 में नोटबंदी को संवैधानिक ठहराने वाले फैसले में बहुमत की राय दी थी। इसके अलावा, चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित करने वाले बहुचर्चित निर्णय में भी उनकी अहम भूमिका रही।
कौन हैं BR गवई? महाराष्ट्र के अमरावती में जन्म (52nd Chief Justice of India)
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई उर्फ बीआर गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यहां पर पूरी की। 16 मार्च 1985 में वकालत की शुरुआत। 1987 में बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की। पूर्व न्यायाधीश राजा एस. भोंसले के साथ विशेष योग्यता हासिल की।
बॉम्बे न्यायालय की नागपुर पीठ के समक्ष वकालत (52nd Chief Justice of India)
1987 से 1990 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्वतंत्र रूप से वकालत की। 1990 के बाद, मुख्य रूप से बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के समक्ष वकालत की। 1992 से 2000 तक विभिन्न सरकारी पदों पर कानूनी प्रतिनिधित्व किया, जिसमें सरकारी वकील और लोक अभियोजक के रूप में कार्य शामिल रहा।
बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर अतिरिक्त न्यायाधीश पदोन्नत (52nd Chief Justice of India)
14 नवंबर 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 12 नवंबर 2005 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने। 24 मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किए गए। वे मुंबई के मुख्य पीठ सहित नागपुर, औरंगाबाद और पणजी की पीठों में भी सेवाएं दे चुके हैं।