Khabarwala 24 News Mathuraः शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में 6 अक्टूबर को शरदोत्सव का आयोजन होगा। इस दिन ठाकुरजी श्वेत धवल पोशाक में मोर-मुकुट और कटि-काछनी पहनकर मुरली बजाते हुए भक्तों को दर्शन देंगे। यह विशेष दर्शन वर्ष में केवल एक बार होता है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी के अनुसार, ठाकुरजी चंद्रमा की धवल चांदनी में श्वेतांबर वेश में भक्तों को आल्हादित करेंगे।
अन्य मंदिरों में भी चांदनी में दर्शन (Mathura)
शरद पूर्णिमा के अवसर पर वृंदावन के अन्य प्रमुख मंदिरों जैसे ठाकुर राधावल्लभ, राधादामोदर, राधाश्यामसुंदर, गोविंददेव, गोपीनाथ, मदनमोहन और गोकुलानंद में भी ठाकुरजी श्वेत वस्त्र धारण कर चंद्रमा की रोशनी में मुरली बजाते हुए दर्शन देंगे। भक्त चांदनी रात में अपने आराध्य की इस मनमोहक छवि का आनंद लेंगे।
द्वारकाधीश मंदिर में विशेष दर्शन (Mathura)
द्वारकाधीश मंदिर में भी 6 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर विशेष दर्शन का आयोजन होगा। मंदिर के मीडिया प्रभारी एड. राकेश तिवारी ने बताया कि ठाकुरजी शाम 6:30 बजे से 7:30 बजे तक चांदनी रोशनी में बाहर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।
शरद पूर्णिमा का महत्व (Mathura)
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृतमयी मानी जाती हैं। इस रात ठाकुरजी का श्वेत शृंगार और मुरली के साथ दर्शन भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक अनुभव होता है।
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