Khabarwala 24 News New Delhi : Haryana Liquor Policy सामाजिक समस्याओं पर लगाम लगाने के लिए हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार के मंत्रिमंडल ने 2025-27 की आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। इसके हिसाब से अब 500 या इससे कम आबादी वाले गांवों में शराब के सब-डीलर्स को दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी। वहीं राज्य में शराब के विज्ञापन पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में शराब की उपलब्धता कम होगी।
समाज की भलाई का कदम (Haryana Liquor Policy)
आधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आबकारी नीति को मंजूरी दी गई। नीति में कई सुधारों को जगह दी गई है। सरकार ने आबकारी नीति वर्ष को वित्त वर्ष के साथ एलाइन कर दिया है। अब नई नीति 2 वित्त वर्ष के लिए मान्य होगी। ये नई नीति 12 जून 2025 से 31 मार्च 2027 तक लागू होगी। ये 21.5 माह के लिए लागू रहेगी। भविष्य में अप्रैल-मार्च वित्त वर्ष के अनुरूप ही लागू किया जाएगा।
महत्वपूर्ण सामाजिक निर्णय (Haryana Liquor Policy)
500 या उससे कम जनसंख्या वाले गांवों में शराब के सब-डीलर को दुकान नहीं खोलने देने के फैसले को सरकार ने सामाजिक स्तर पर लिया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया है। कहीं ना कहीं सरकार का ये फैसला ग्रामीण इलाकों में शराब के व्यसन पर लगाम लगाएगा। इसके अलावा शराब के विज्ञापन पर भी सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। लाइसेंस-प्राप्त इलाके में विज्ञापन अब स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित हैं। इसका उल्लंघन होने पर काफी अधिक जुर्माने का प्रावधान किया है।
हरियाणा में शराब पर टैक्स (Haryana Liquor Policy)
हरियाणा देश के उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां सरकार शराब पर सबसे कम टैक्स लेती है। सरकार मैक्सिमम रिटेल प्राइस की जगह, मिनिमम सेलिंग प्राइस के कॉन्सेप्ट पर शराब की बिक्री करती है। पिछली सरकार ने गुरुग्राम में ऑफिसों के अंदर शराब परोसने के लिए भी बार लाइसेंस देने की नीति शुरू की थी। वहीं गुजरात और बिहार ऐसे राज्य हैं, जो ड्राई स्टेट हैं। यहां शराब बिक्री पर प्रतिबंध है। बिहार में शराब बंदी से कई सामाजिक बदलाव होते देखे गए हैं।