Khabarwala 24 News New Delhi : Tattoo found Mummy दक्षिण अमेरिका में साइंटिस्ट को एक अध्ययन के दौरान 800 साल पुरानी ममी के गाल में टैटू मिला है। अब सांइटिस्ट ममी के अध्ययन के साथ ही इस बात का भी अध्ययन करने में जुट गए हैं कि आखिर महिला की गाल में किस स्याही से टैटू बनाया गया था, जो 800 साल बाद भी सलामत है।
असल में टैटू बनाने के लिए स्याही का इस्तेमाल करीब 1000 साल पहले से होता आ रहा है. लेकिन इस ममी में टैटू वैज्ञानिकों के लिए कई लिहाज से रहस्यमयी है। इसके पीछे का मुख्य कारण ये है कि अमूमन टैटू की स्याही अपने आप उड़ जाती है जबकि गाल में बना टैटू कुछ ही सालों में मिट जाता है. इस वजह से गाल में टैटू नहीं बनाए जाते हैं।
क्या है ममी, महिला कौन (Tattoo found Mummy)
असल में ममी बनाने की प्रक्रिया एक पुरातन प्रक्रिया है, जिसमें एक विशेष प्रकार के लेप से किसी भी लाश यानी मृत शरीर को लिपटा जाता है। इसका उद्देश्य से मृत शरीर को कीड़ो समेत वायुमंडल में खराब होने से बचाना होता है। जानकारी के मुताबिक ये ममी दक्षिण अमेरिका निवासी एक महिला की है, जिसकी मौत के बाद 800 साल पहले शरीर को ममी में बदल लिया गया था और तकरीबन 100 साल पहले ही इटली के एक म्यूजियम को दान में दिया गया था। ममी की मुद्रा की बात करें ताे वह बह बैठी हुई अवस्था में बनाई गई है।
कैसे हुई टैटू की पहचान (Tattoo found Mummy)
800 साल पुरानी ममी के गाल में टैटू के पहचान करने के पीछे भी एक कहानी है। असल में इटली के ट्यूरिन विश्वविद्यालय के जियानलुइगी मंगियापेन की अगुआई में मानवविज्ञानी और पुरातत्वविदों की एक टीम ममी का विश्लेषण कर रही थी। इस दौरान टीम ने ममी के गाल पर अनोखे डिजाइन पाए। जिन्हें टीम में अच्छी तरह से संभाल कर रखा। जिन्हें देखना मुश्किल था, लेकिन गाल में कालापन था। इसके बाद टीम नेकई सारी इमेजिंग तकनीकों के साथ, ममी के गाल पर बने टैटू की पहचान करने में सफलता पाई है।