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Axiom-4 Mission: अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश, मैं एक बच्चे की तरह…, मेरे कंधे पर तिरंगा, भारत की शान, देखें Video

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Khabarwala24 News: भारत के सपूत शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरिक्ष में इतिहास रच रहे हैं। Axiom-4 मिशन के साथ चार क्रू मेंबर्स के साथ उनका spacecraft अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) की ओर बढ़ रहा है। आज शाम करीब साढ़े चार बजे उनका Dragon Capsule ISS पर dock करेगा। इस ऐतिहासिक पल से पहले शुभांशु ने NASA के वैज्ञानिकों से live बातचीत की और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने हिंदी में अपने दिल की बात कही, जिसने हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।

अंतरिक्ष से पहला संदेश: ‘नमस्कार, अंतरिक्ष से नमस्कार’

शुभांशु ने Dragon Capsule से NASA के साथ live session में कहा, “सभी को नमस्कार, अंतरिक्ष से नमस्कार। मैं अपने साथी astronauts के साथ यहाँ पहुँचकर बेहद excited हूँ। यह journey अविस्मरणीय रही। जब मैं launchpad पर capsule में बैठा था, तो मेरे दिमाग में बस यही था – चलो, अब उड़ान भरते हैं।” उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष से धरती का नजारा इतना खूबसूरत है कि इसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। “हमने जो view देखा, उसे हम कभी नहीं भूल सकते। यह mission हमें बहुत कुछ सिखा रहा है। अब हम ISS पहुँचने का इंतज़ार कर रहे हैं,” उन्होंने उत्साह से कहा।

तिरंगे के साथ गर्व का पल

शुभांशु ने हिंदी में अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए कहा, “मेरे कंधे पर लगा तिरंगा बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूँ। आप सब मेरे साथ हैं। यह तिरंगा भारत के बढ़ते space dominance को दिखाता है।” उन्होंने भारतीयों से इस journey को उनके माध्यम से enjoy करने की अपील की। “मैं धरती के videos और photos ले रहा हूँ, ताकि वापस आने पर आप सबके साथ इसे share कर सकूँ।” उनकी बातों में देशभक्ति और गर्व साफ झलक रहा था।

अंतरिक्ष यात्रा का रोमांचक अनुभव

शुभांशु ने अपनी space journey का अनुभव साझा करते हुए बताया, “जब rocket ने उड़ान भरी, तो ऐसा लगा जैसे हम seat पर पीछे की ओर धकेले जा रहे हैं। यह feeling अद्भुत थी। लेकिन जब हम vacuum में पहुँचे, तो अचानक सब शांत हो गया। ऐसा लगा जैसे हम zero gravity में तैर रहे हैं।” इस दौरान वह थोड़े भावुक भी हो गए। उनकी आवाज़ में गर्व और उत्साह के साथ-साथ वह गहरा एहसास भी था, जो इस ऐतिहासिक पल को और खास बनाता है।

भारत के लिए गर्व का क्षण (Axiom-4 mission)

शुभांशु शुक्ला का यह mission भारत के space program की ताकत को दर्शाता है। Axiom-4 mission के तहत वह न केवल भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, बल्कि हर भारतीय के सपनों को अंतरिक्ष में उड़ान दे रहे हैं। उनकी यह उपलब्धि young generation के लिए inspiration है। वह चाहते हैं कि भारत के लोग उनकी इस journey को feel करें और space exploration में देश की बढ़ती भागीदारी पर गर्व करें।

क्या है Axiom-4 मिशन?

Axiom-4 मिशन एक private space mission है, जो NASA और Axiom Space के collaboration में चल रहा है। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ तीन अन्य astronauts शामिल हैं। यह मिशन ISS पर research और experiments के लिए महत्वपूर्ण है। शुभांशु का यह सफर भारत के space ambitions को नई ऊँचाइयों तक ले जा रहा है।

शुभांशु का वादा: ‘आपके लिए लाऊँगा धरती के नजारे’

शुभांशु ने वादा किया कि वह अंतरिक्ष से धरती के खूबसूरत नजारे capture करेंगे और भारत लौटने पर उसे देशवासियों के साथ साझा करेंगे। उनकी यह बात हर भारतीय को जोश से भर देती है। वह न केवल एक astronaut हैं, बल्कि भारत की आशाओं और सपनों का प्रतीक भी हैं।

भारत का बढ़ता अंतरिक्ष दबदबा

शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) की यह उपलब्धि भारत के space program की ताकत को दर्शाती है। ISRO और अन्य space agencies के साथ मिलकर भारत अब global space race में तेजी से आगे बढ़ रहा है। Chandrayaan और Mangalyaan जैसे missions के बाद अब भारतीय astronauts का ISS तक पहुँचना देश के लिए गर्व का विषय है। शुभांशु शुक्ला की यह space journey हर भारतीय के लिए inspiration है। उनके कंधे पर तिरंगा और दिल में भारत का गर्व, यह पल हमेशा याद रखा जाएगा।

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