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Ayatollah Ali Khamenei ने इजरायल को याद दिलाई वो जंग, जिसमें हजरत अली ने यहूदियों को हराया था

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Khabarwala24 News: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने इजरायल के खिलाफ एक तीखा और चेतावनी भरा ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने युद्ध शुरू होने का ऐलान किया है। इस ट्वीट के साथ शेयर की गई एक तस्वीर ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इस तस्वीर में हजरत अली की खैबर की लड़ाई का जिक्र है, जिसमें उन्होंने यहूदियों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया था। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि खामेनेई का यह ट्वीट और तस्वीर क्या संदेश दे रही है।

खामेनेई का ट्वीट: युद्ध की हुंकार

13 जून 2025 को शुरू हुए इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनावपूर्ण युद्ध के बीच, खामेनेई ने X पर एक पोस्ट शेयर की (Ayatollah Ali Khamenei Tweet), जिसमें उन्होंने लिखा, “The battle begins” (युद्ध शुरू होता है)। इस पोस्ट के साथ एक प्रतीकात्मक तस्वीर भी शेयर की गई, जिसमें एक योद्धा तलवार लिए एक महल जैसे गेट में प्रवेश करता दिख रहा है। तस्वीर में आग की लपटें और फारसी में लिखा एक संदेश भी है, जो कहता है, “हैदर के नाम पर, युद्ध शुरू होता है”। हैदर, हजरत अली का दूसरा नाम है, जिन्हें शिया मुसलमानों में बहुत सम्मान दिया जाता है।

खामेनेई ने एक और ट्वीट (Ayatollah Ali Khamenei Tweet) में इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा, “हमें आतंकवादी जियोनिस्ट शासन को कड़ा जवाब देना होगा। हम जियोनिस्ट पर कोई दया नहीं दिखाएंगे।” यह बयान साफ तौर पर इजरायल के खिलाफ ईरान के कड़े रुख को दर्शाता है।

तस्वीर का क्या है मतलब?

खामेनेई की पोस्ट में शेयर की गई तस्वीर खैबर की लड़ाई का प्रतीक है। इस तस्वीर में एक योद्धा को जुल्फिकार तलवार के साथ दिखाया गया है, जो हजरत अली की मशहूर तलवार है। तस्वीर में आग की लपटें और एक किले का गेट दिखाया गया है, जो खैबर के किले का प्रतीक माना जा रहा है। ईरान इंटरनेशनल न्यूज़ के अनुसार, इस तस्वीर के साथ लिखा गया है, “अली खैबर लौट रहे हैं”। यह तस्वीर खैबर की लड़ाई को दर्शाती है, जिसमें हजरत अली ने यहूदी कमांडर मरहब को हराया था।

खैबर की लड़ाई: इतिहास का एक अहम अध्याय

खैबर की लड़ाई 629 हिजरी (इस्लामिक कैलेंडर) में लड़ी गई थी। यह लड़ाई शिया मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली नदीम रिजवी के अनुसार, इस युद्ध में हजरत अली ने पैगंबर मुहम्मद के आदेश पर खैबर के किले पर हमला किया था। उस समय खैबर में यहूदी कबीले रहते थे, जो मुसलमानों के खिलाफ थे।

हजरत अली ने अपनी मशहूर तलवार जुल्फिकार के साथ यहूदी कमांडर मरहब को मार गिराया और किले पर कब्जा कर लिया। इस लड़ाई में मुस्लिम सेना की संख्या कम थी, फिर भी हजरत अली की बहादुरी और रणनीति के कारण यहूदियों को आत्मसमर्पण करना पड़ा। इस जीत को शिया मुसलमान हजरत अली की वीरता और जुल्फिकार की ताकत का प्रतीक मानते हैं।

खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने इस तस्वीर के जरिए इजरायल को यह संदेश देने की कोशिश की है कि जैसे हजरत अली ने खैबर में यहूदियों को हराया था, वैसे ही ईरान भी इजरायल को कड़ा जवाब देगा। यह तस्वीर और ट्वीट न सिर्फ युद्ध की घोषणा है, बल्कि शिया समुदाय की भावनाओं को भी जोड़ता है।

ईरान-इजरायल युद्ध: ताजा अपडेट

13 जून 2025 को इजरायल ने ऑपरेशन राइज़िंग लायन शुरू किया था, जिसमें ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य अड्डों पर हमले किए गए। इस युद्ध में अब तक ईरान में 224 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 1500 लोग घायल हुए हैं। दूसरी ओर, इजरायल में 24 लोगों के मारे जाने की खबर है। दोनों देश एक-दूसरे पर मिसाइलों और ड्रोन्स से हमले कर रहे हैं।

अमेरिका ने ईरान से बिना शर्त आत्मसमर्पण करने की मांग की है, जिसे ईरान ने सिरे से खारिज कर दिया। खामेनेई का यह ट्वीट (Ayatollah Ali Khamenei Tweet) उसी तनाव का नतीजा है, जिसमें ईरान ने साफ कर दिया है कि वह इजरायल और उसके सहयोगियों के सामने झुकेगा नहीं।

खामेनेई का ट्वीट क्यों चर्चा में है?

अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) का यह ट्वीट कई कारणों से  चर्चा का विषय बना हुआ है:

  1. ऐतिहासिक संदर्भ: खैबर की लड़ाई का जिक्र करके खामेनेई ने शिया समुदाय की धार्मिक भावनाओं को उभारा है। यह तस्वीर और संदेश शिया मुसलमानों के लिए हजरत अली की बहादुरी का प्रतीक है।
  2. युद्ध का ऐलान: “The battle begins” जैसे शब्दों का इस्तेमाल साफ तौर पर युद्ध को और भड़काने वाला है।
  3. इजरायल को चेतावनी: खामेनेई ने इजरायल को “आतंकवादी जियोनिस्ट शासन” कहकर अपनी नाराजगी जाहिर की है और साफ किया है कि ईरान कोई नरमी नहीं बरतेगा।

Ayatollah Ali Khamenei का संदेश: क्या होगा असर?

अयातुल्ला अली खामेनेई का यह ट्वीट (Ayatollah Ali Khamenei Tweet) और तस्वीर न सिर्फ इजरायल के लिए चेतावनी है, बल्कि यह ईरान के अपने लोगों और शिया समुदाय को एकजुट करने की कोशिश भी है। खैबर की लड़ाई का जिक्र करके खामेनेई ने यह संदेश दिया है कि ईरान मुश्किल हालात में भी हार नहीं मानेगा।

हालांकि, Ayatollah Ali Khamenei Tweet से युद्ध और तनाव बढ़ने की आशंका भी बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर संयुक्त राष्ट्र और अन्य देश, इस युद्ध को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन खामेनेई के इस रुख से साफ है कि ईरान पीछे हटने के मूड में नहीं है।

अयातुल्ला अली खामेनेई का ट्वीट (Ayatollah Ali Khamenei Tweet) और खैबर की लड़ाई की तस्वीर न सिर्फ एक युद्ध की घोषणा है, बल्कि यह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। हजरत अली की जुल्फिकार और खैबर की जीत का जिक्र करके खामेनेई ने इजरायल को कड़ा संदेश दिया है। यह युद्ध न सिर्फ मध्य पूर्व, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। भारत जैसे देशों पर भी इसका असर पड़ सकता है।

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