नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (khabarwala24)। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है। इसी क्रम में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ‘एकता दौड़’ आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वहां उपस्थित सभी नेताओं और ‘एकता दौड़’ में हिस्सा लेने वालों को ‘राष्ट्रीय एकता’ की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने ‘एकता दौड़’ को झंडी दिखाकर रवाना किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन देशवासियों के लिए विशेष दिन है। सरदार पटेल के सम्मान में हम 2014 से लगातार ‘एकता दौड़’ का आयोजन करते हैं। इस बार सरदार पटेल की 150वीं जयंती है, इसलिए विशेष आयोजन के रूप में देशभर में मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि आजादी के आंदोलन और आजादी के बाद भारत के मानचित्र के निर्माण में सरदार पटेल की बहुत बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने बैरिस्टर की प्रैक्टिस छोड़कर महात्मा गांधी के आह्वान को स्वीकार करते हुए आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया। उनकी नेतृत्व क्षमता का उस समय पता चला, जब किसानों के साथ अन्याय के खिलाफ 1928 में बारडोली सत्याग्रह हुआ। हर कोई मानता था कि अंग्रेज नहीं झुकेंगे, लेकिन सरदार पटेल के नेतृत्व में किसानों ने आंदोलन शुरू किया। देखते ही देखते यह आंदोलन देशभर के किसानों का आंदोलन बना और आखिर में अंग्रेजों को किसानों की बात माननी पड़ी।”
अमित शाह ने कहा कि उसी आंदोलन को लेकर महात्मा गांधी ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ वल्लभभाई पटेल का उपनाम दिया। वल्लभभाई पटेल वहीं से ‘सरदार’ वल्लभभाई पटेल बने।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने आगे कहा, “आजादी के बाद अंग्रेजों ने देश को 562 छोटी-बड़ी रियासतों में बांटने का काम किया। सब चिंतित थे कि 562 रियासतों में बंटा हुआ भारत किस तरह से अखंड भारत बनेगा। मगर सरदार पटेल के कारण बहुत कम समय में सभी 562 रियासतों को एकजुट करके आज का भारत का मानचित्र बना। इसी काम ने आज के भारत की नींव रखी।”
इस मौके पर अमित शाह ने कहा, “कांग्रेस सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उचित सम्मान नहीं दिया। सरदार पटेल को 41 साल की देरी के बाद भारत रत्न से सम्मानित किया गया। देश में कहीं भी कोई स्मारक नहीं बनाया गया। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तभी उन्होंने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की परिकल्पना की और सरदार पटेल के सम्मान में एक भव्य स्मारक बनवाया।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाकर, प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर को भारत में एकीकृत करने के सरदार पटेल के संकल्प को पूरा किया।
इससे पहले, दिल्ली में सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हिस्सा लिया। इस सभा में सभी नेताओं ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की।
Source : IANS
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