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Hapur बीमा फ्रॉड: 39 करोड़ की साजिश, संदिग्ध मौत पर पुलिस जांच तेज, मुकदमा दर्ज

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Khabarwala 24 News Hapur : उत्तर प्रदेश के हापुड़ (Hapur)जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने बीमा उद्योग और पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। निजा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने अपने अधिकृत प्रतिनिधि संजय कुमार के माध्यम से मृतक बीमाधारक मुकेश सिंघल के नामिती मेरठ के गंगा नगर निवासी विशाल कुमार के खिलाफ थाना हापुड़ में औपचारिक शिकायत दर्ज की है। कंपनी ने दावा किया है कि 27 मार्च 2024 को हुई कथित सड़क दुर्घटना कोई हादसा नहीं, बल्कि 39 करोड़ रुपये की बीमा राशि हड़पने की सुनियोजित साजिश हो सकती है। पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानजय सिंह ने मामले को गंभीर बताते हुए गहन जांच का आश्वासन दिया है।

क्या है पूरा मामला (Hapur)

मृतक मुकेश सिंघल के पास निजा बूपा के अलावा आदित्य बिड़ला, बजाज आलियांज, एचडीएफसी एर्गो, मैक्स लाइफ, टाटा एआईजी जनरल और टाटा एआईए लाइफ जैसी कई कंपनियों की बीमा पॉलिसियाँ थीं, जिनका कुल कवरेज 39 करोड़ रुपये था। उनकी घोषित वार्षिक आय केवल 12-15 लाख रुपये थी, जो इतनी बड़ी बीमा राशि के लिए संदिग्ध है। विशाल कुमार, जो मुकेश सिंघल की पॉलिसी में नामिती हैं, ने दावा संख्या 1861631, 1783818 और 1783819 के तहत बीमा राशि की मांग की थी। कंपनी की जाँच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

जाँच में उजागर हुए तथ्य (Hapur)

  1. विसंगतियों भरा दुर्घटना विवरण: विशाल कुमार ने दावा किया कि 27 मार्च 2024 को दोपहर में गढ़ गंगा से लौटते समय मुकेश सिंघल की सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। जिनकी उपचार के दौरान मेरठ के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सड़क हादसे से मेल न खाने वाली चोटें दर्ज हैं, जो सदमे से मृत्यु का संकेत देती हैं।
  2. अति-बीमा और वित्तीय मकसद: मुकेश सिंघल की बीमा पॉलिसियों का कुल कवरेज उनकी आय से कई गुना अधिक था, जो वित्तीय लाभ के लिए साजिश की आशंका को बल देता है।
  3. असहयोग और रिश्वत का प्रयास: जाँच के दौरान विशाल कुमार ने सहयोग नहीं किया। उन्होंने दुर्घटना से जुड़े वाहन या उसके पंजीकरण दस्तावेज पेश नहीं किए। कंपनी का दावा है कि कुमार ने दावा प्रक्रिया तेज करने के लिए एक अधिकारी को रिश्वत देने की कोशिश की।
  4. संदिग्ध गवाह और दस्तावेज: गवाहों के बयान सुनियोजित लगते हैं, और कुछ ने पैसे लेकर गवाही देने की बात स्वीकार की। विशाल कुमार के आधार और पैन कार्ड में उम्र संबंधी विसंगतियाँ पाई गईं। जाँच में यह भी सामने आया कि कुमार अतीत में अपनी माँ और भाई की मृत्यु से जुड़े बीमा दावों में शामिल रहे हो सकते हैं, जो संगठित अपराध की ओर इशारा करता है।
  5. असामान्य परिस्थितियाँ: इलाज का भुगतान नकद में किया गया, और कुमार ने डिजिटल भुगतान विवरण साझा नहीं किए। सार्वजनिक सड़क पर हुई कथित दुर्घटना की कोई समाचार रिपोर्ट या स्वतंत्र गवाह नहीं मिला।

क्या कहते हैं थाना प्रभारी (Hapur)

थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र बिष्ट ने बताया कि यह मामला अत्यंत गंभीर है। हत्या, बीमा धोखाधड़ी और दस्तावेजों में हेराफेरी जैसे सभी पहलुओं की गहन जाँच की जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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