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Hapur धर्म की राह से जो गुजर कर गये…

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Khabarwala 24 News Hapur: Hapur आर्य समाज हापुड़ में सोमवार को वेद प्रचार उत्सव के अंतिम दिन में प्रातः योग साधना शिविर में हापुड़ नगर के साधकों ने ध्यान लगाकर मानसिक शांति एवं चिंतन का अनुभव किया । प्रातः काल आर्य समाज के ब्रह्मा धर्मेंद्र शास्त्री द्वारा यज्ञ का आयोजन किया गया तत्पश्चात जयपुर से पधारी सरस भजनों उपदेशिका ज्योति आर्या जी ने “धर्म की राह से जो गुजर कर गये” तथा “सुनते जाना सुनते जाना देश प्रेम का यह गाना” आदि अनेकों भजनों द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया ।

Hapur धर्म की राह से जो गुजर कर गये...

वेदों की 16000 ऋचाओं का करते थे चिंतन (Hapur )

पानीपत हरियाणा से पधारे सुप्रसिद्ध वैदिक विद्वान आचार्य सानंद ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष पर योगीराज श्री कृष्ण के वैदिक स्वरूप का अपनी ओजस्वी वाणी से बहुत ही प्रभावशाली चित्रण किया उन्होंने कहा कि योगीराज श्री कृष्ण ने अपने जीवन काल में एक पत्नी व्रत का पालन किया आज के काल में पौराणिको द्वारा उनकी 16000 रनिया , छलिया , माखन चोर , रास रसैया , राधा प्रेमी बताकर उनका मानमर्दन किया जाता है । किंतु वैदिक मान्यताओं के अनुसार उनकी 16000 रानियां नहीं बल्कि वे वेदों की 16000 ऋचाओं का चिंतन किया करते थे।

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यह रहे मौजूद (Hapur )

समापन पर आर्य समाज के प्रधान पवन आर्या द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया इस अवसर पर आकाश आर्य , सुरजीत सिंह , ओमप्रकाश आर्य (बैंक वाले ) ऋषिपाल सिंह आर्य , सरोज कुमारी , वीना आर्या (चोपला) , डॉ पुष्पा वत्स आदि अनेकों धर्म प्रेमियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया

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