Khabarwala 24 News New Delhi : Uniform Civil Code वक्फ संशोधन अधिनियम लागू होने के बाद मोदी सरकार की नजर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर है। वक्फ संशोधन विधेयक के बाद, मोदी सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। अब यह सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में सभी नागरिकों को एक समान अधिकार प्रदान करने के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी गयी है। उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
विधेयक के लिए एक समिति का गठन (Uniform Civil Code)
गुजरात की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की आवश्यकता का आकलन करने और विधेयक तैयार करने के लिए उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।
कोई भेदभाव नहीं है और सब बराबर (Uniform Civil Code)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उत्तराखंड को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए बधाई दी और कहा कि यह कानून भी खेल भावना की तरह है जहां किसी से कोई भेदभाव नहीं है और सब बराबर हैं। कल ही उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बना है जिसने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की है।
बेटियों व बहनों का गरिमापूर्ण जीवन (Uniform Civil Code)
उन्होंने कहा, “मैं उत्तराखंड की भाजपा सरकार को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई देता हूं।” प्रधानमंत्री ने यूसीसी को ‘सेक्यूलर सिविल कोड’ की भी संज्ञा दी और कहा, “यह कानून हमारी बेटियों, माताओं, बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगी।
संविधान की भावना भी मजबूत होगी (Uniform Civil Code)
उन्होंने कहा कि वह आज खेल के आयोजन में हैं तो यूसीसी को भी उससे जोड़कर देख रहे हैं । मोदी ने कहा, “हर जीत, हर मेडल के पीछे मंत्र होता है सबका प्रयास। खेलों से हमें टीम भावना के साथ खेलने की प्रेरणा मिलती है। यही भावना यूसीसी की भी है- किसी से भेदभाव नहीं, हर कोई बराबर।”
संवैधानिक प्रावधानों का दिया हवाला (Uniform Civil Code)
भाजपा ने सोमवार को संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य, वक्फ संशोधन अधिनियम को लागू करने से इनकार नहीं कर सकते। भाजपा ने इस कानून का लगातार विरोध करने के लिए कांग्रेस और ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य घटकों की आलोचना की।
झारखंड में लागू नहीं किया जाएगा (Uniform Civil Code)
भाजपा का यह बयान झामुमो के विधायक और झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि उनके लिए शरिया पहले है और उसके बाद संविधान, जबकि कर्नाटक के मंत्री बी.जेड. जमीर अहमद खान ने दावा किया था कि राज्य में यह कानून लागू नहीं किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल में भी लागू नहीं होगा (Uniform Civil Code)
शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था कि यह अधिनियम पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इस मुद्दे पर उनके रुख को “गंभीर चिंता का विषय” बताया। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि पार्टियां सत्ता में बनी रहीं, तो संविधान खतरे में पड़ जाएगा।