Khabarwala 24 News New Delhi: island जहां लोग होते हैं वहां शोरगुल तो होता ही है। ऐसे में यदि हम आपको एक ऐसे द्वीप के बारे में बताएं जहां एक दिन के लिए दूर-दूर तक कोई शोरगुल नहीं रहता। चाहे वो जगह लोगोंं से भरी हुई क्यों न हो। बल्कि एक दिन के लिए यहां सन्नाटा छा जाता है।
ऐसे में आप कहेेंगे ऐसा कैेसे हो सकता है। हम ऐसे ही एक द्वीप के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक परंपरा के चलते एक दिन के लिए सबकुछ शांत हो जाता है। इस दिन यहां शोर तो दूर, कोई एक-दूसरे से बोलता भी नहीं है।
एक दिन के लिए हो जाता है सब कुछ शांत (island )
हम इंडोनेशिया के बेहद लोकप्रिय द्वीप बाली की बात कर रहे हैं। यहां एक हिंदुओं की अनूठी परंपरा के चलते एक दिन के लिए सबकुछ पूरी तरह शांत हो जाता है। हाल ही में 11 मार्च को बाली में ये परंपरा हर साल की तरह फिर दोहराई गई। जहांं न कोई किसी से बात कर रहा था और न ही किसी तरह का शोर। बल्कि सभी पूजन-पाठ और आत्ममंथन कर रहे थे।
हिंदू मनाते हैं नव वर्ष (island )
दरअसल बाली में ये हिंदुओं का नव वर्ष का दिन होता है। जहां हर ओर शोर-आतिशबाजी के जरिए नव वर्ष मनाया जाता है वहीं बाली में इस खास दिन को एकदम शांत होकर सेलिब्रेट किया जाता है। बाली के लोग इस त्योहार को ‘न्येपी’ कहते हैं। जिसका मतलब चुप्पी होता है। इस दिन यहां लोग सुबह 6 बजे से 24 घंटे तक व्रत रहते हैं।
खास बात ये है कि व्रत के दौरान यहां लोग खाना ही नहीं छोड़ते बल्कि बातचीत, घर बिजली तक बंद कर देते हैं। न ही कोई बाहर घूमने जाता है न ही कोई काम करता है। इस दिन सड़कों पर सुरक्षाकर्मी भी होते हैं ये सुनिश्चित करने के लिए कि कहींं कोई बाहर तो नहींं निकल रहा है। यहां इस दिन होटलों में भी काम बंद कर दिया जाता है। वहीं बाहर से आने वाले पर्यटक भी इस परंपरा का सम्मान करते हुए इसके नियमों का पालन करते हैं।