Khabarwala 24 News New Delhi: हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे (World Blood Donor Day) मनाया जाता है, और इस बार 2025 में इसकी थीम है “Give Blood, Give Hope, Together We Save Lives”। इसका मतलब है कि रक्तदान करके आप न सिर्फ किसी की जिंदगी बचा सकते हैं, बल्कि उम्मीद की किरण भी बन सकते हैं। भारत में हर दिन हजारों मरीजों को खून की जरूरत पड़ती है, फिर भी हर साल लगभग 10 लाख यूनिट खून की कमी रहती है।
भारत में ब्लड डोनेशन की सच्चाई (World Blood Donor Day)
भारत में हर साल 1.46 करोड़ यूनिट खून की जरूरत होती है, लेकिन आपूर्ति में 10 लाख यूनिट की कमी रह जाती है। इसकी वजह से आपातकालीन स्थिति में मरीजों को समय पर खून नहीं मिल पाता। चाहे वो प्रसव के दौरान मां हो, कैंसर से जूझ रहा बच्चा हो, या सड़क हादसे का शिकार कोई व्यक्ति, खून की कमी जिंदगी और मौत का सवाल बन जाती है। चिकित्सकों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रक्तदान को लेकर कई भ्रांतियां हैं। लोग सोचते हैं कि खून देने से कमजोरी आती है या बीमार पड़ जाएंगे। लेकिन सच्चाई ये है कि एक स्वस्थ व्यक्ति हर 3 महीने में सुरक्षित रूप से रक्तदान कर सकता है। शरीर जल्द ही नया खून बना लेता है, और इससे कोई नुकसान नहीं होता।
किन मरीजों को पड़ती है खून की जरूरत? (World Blood Donor Day)
चिकित्सकों के मुताबिक, कुछ बीमारियों और स्थितियों में मरीजों को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत होती है। इनमें शामिल हैं:
- कैंसर: कीमोथेरेपी के दौरान मरीजों को अक्सर ब्लड ट्रांसफ्यूजन चाहिए।
- थैलेसीमिया: इस बीमारी में मरीजों को नियमित रूप से खून चढ़ाना पड़ता है।
- ट्रॉमा और सर्जरी: सड़क हादसों या गंभीर चोटों में खून की भारी जरूरत होती है।
- प्रसव: डिलीवरी के दौरान कई बार मां को खून की जरूरत पड़ती है।
एक यूनिट खून से तीन जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, क्योंकि इसे रेड ब्लड सेल्स, प्लाज्मा, और प्लेटलेट्स में बांटा जा सकता है। फिर भी, लोग डर और अज्ञानता की वजह से रक्तदान से कतराते हैं।
रक्तदान के गजब के फायदे (World Blood Donor Day)
चिकित्सकों का कहना है कि रक्तदान न सिर्फ दूसरों की जिंदगी बचाता है, बल्कि डोनर की सेहत के लिए भी फायदेमंद है। आइए जानते हैं इसके फायदे:
- दिल की सेहत: रक्तदान से शरीर में आयरन का स्तर संतुलित रहता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।
- कैलोरी बर्न: एक बार रक्तदान करने से 650 कैलोरी तक बर्न हो सकती हैं, जो वजन नियंत्रण में मदद करता है।
- ब्लड सर्कुलेशन: रक्तदान के बाद शरीर नई रेड ब्लड सेल्स बनाता है, जिससे खून का प्रवाह बेहतर होता है।
- ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस में कमी: ज्यादा आयरन से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से राहत मिलती है।
- मानसिक शांति: किसी की जिंदगी बचाने का अहसास तनाव कम करता है और खुशी देता है।
कौन कर सकता है रक्तदान?
रक्तदान के लिए कुछ बेसिक शर्तें हैं:
- उम्र: 18 से 65 साल।
- वजन: कम से कम 50 किलो।
- स्वास्थ्य: कोई गंभीर बीमारी जैसे HIV, कैंसर, या हेपेटाइटिस न हो।
- फिटनेस: सामान्य स्वास्थ्य अच्छा हो, और हाल में कोई सर्जरी या गंभीर बीमारी न हुई हो।
महिलाएं और पुरुष दोनों हर 3 महीने में रक्तदान कर सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ये प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित और आसान है।
रक्तदान से पहले और बाद में क्या करें?
चिकित्सक सुझाव देते हैं कि रक्तदान को और प्रभावी बनाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:
- पहले: खूब पानी पिएं और हल्का भोजन करें, जैसे फल या जूस।
- बाद में: डोनेशन के बाद 10-15 मिनट आराम करें।
- आहार: पालक, चुकंदर जैसे आयरन युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
- सावधानी: 24 घंटे तक भारी व्यायाम या मेहनत वाला काम न करें।
- हाइड्रेशन: खूब पानी और लिक्विड लें ताकि शरीर जल्दी रिकवर करे।
ई-रक्त कोष: रक्तदान को आसान बनाने की पहल
भारत सरकार ने ई-रक्त कोष जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं, जो रियल-टाइम में डोनर और अस्पतालों को जोड़ते हैं। ये तकनीक तब तक कारगर नहीं होगी, जब तक लोग खुद आगे नहीं आएंगे।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। Khabarwala24 News की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।