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Duration of Har Yug सतयुग से कलयुग तक मनुष्य में आए हैं ये बदलाव, आप भी पूरा सच जानकर हो जाएंगे हैरान

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Khabarwala 24 News New Delhi : Duration of Har Yug सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, आज जिस युग में हम जी रहे हैं ये कलयुग है। कलयुग की अवधि चारों युगों में सबसे कम मानी गई है। बताया जाता है कि हर युग की अवधि में बदलाव हुए और आने वाली हर अवधि पहले की युग की अवधि से छोटी होती गई। जानते हैं इन चारों युगों के बारें में।

सतयुग (Duration of Har Yug)

सबसे प्रथम सतयुग युग की अवधि शास्त्रों के अनुसार, लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष बताई गई है। सतयुग को सबसे पहला युग बताया जाता है, जिसमें देवी-देवता पृथ्वी लोक पर मनुष्य की तरह ही रहते थे। ये माना जाता है कि सतयुग में मनुष्य की लम्बाई कम से कम 21 हाथ होती थी और उनकी आयु भी 2 लाख वर्ष बताई गई है। सतयुग को धर्म का युग भी कहा जा सकता है। इसमें पाप का कोई स्थान नहीं था। सतयुग में भगवान विष्णु के चार अवतार हुए – मत्स्य, कच्छप, वराह और नरसिंह।

त्रेतायुग (Duration of Har Yug)

शास्त्रों में सतयुग के बाद त्रेतायुग की अवधि बताई गई है। त्रेतायुग की अवधि लगभग 12 लाख 28 हजार है। इस युग में भगवान विष्णु ने प्रभु श्री राम के रूप में धरती पर अवतार लिया और रावण का वध किया। बताया जाता है कि त्रेतायुग में मनुष्य की आयु लगभग 10,000 वर्ष होती थी और मनुष्य की लम्बाई 21 फीट होती थी। प्रभु श्री राम चन्द्र के अलावा वामन अवतार, परशुराम के अवतार भी इसी युग में हुए हैं।

द्वापरयुग (Duration of Har Yug)

शास्त्रों में त्रेतायुग के बाद द्वापरयुग की अवधि बताई गई है। द्वापर युग की अवधि लगभग 8 लाख 64 हजार है। इस युग में भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में धरती पर जन्म लेकर कई लीलाएं रची और कंस का संहार किया। बताया जाता है कि इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 1000 वर्ष थी और लंबाई 11 फीट हुआ करती थी।

कलयुग (Duration of Har Yug)

शास्त्रों के अनुसार सबसे अंतिम अवधि कलयुग को बताया गया है। वर्तमान में कलयुग चल रहा है जिसकी अवधि तीनों युगों में सबसे कम यानी 4 लाख 32 हजार वर्ष है। इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 100 वर्ष बताई गई है और मनुष्य की औसत लम्बाई लगभग 5.5 फिट तक ही रह गई है। इसमें गंगा नदी को कलयुग का तीर्थ कहा गया है। साथ ही इस युग में पाप की मात्रा सबसे अधिक है। शास्त्रों के अनुसार, इस युग में भगवान विष्णु का कल्कि के रूप में जन्म होगा, जो अर्धम का नाश करके पुनः धर्म की स्थापना करेंगे।

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