Khabarwala 24 News Lucknow: UP News उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है, लेकिन ऐलान में देरी ने सियासी हलकों में चर्चाओं को हवा दी है। यह मुकाबला मुख्य रूप से ओबीसी नेताओं पर केंद्रित है, लेकिन दलित चेहरों की जोरदार लॉबिंग ने दौड़ को और रोचक बना दिया है। 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, भाजपा हाईकमान जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की रणनीति पर काम कर रहा है।
ओबीसी चेहरों में मुख्य मुकाबला (UP News)
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में ओबीसी वर्ग के तीन बड़े नाम सबसे आगे हैं:
- केशव प्रसाद मौर्य: उपमुख्यमंत्री और 2017 के चुनाव में जीत के रणनीतिकार, जिनकी संगठनात्मक क्षमता और आरएसएस से नजदीकी उनकी दावेदारी को मजबूत करती है।
- स्वतंत्र देव सिंह: जल शक्ति मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, जिनके अनुभव और ओबीसी वोटरों में पकड़ को पार्टी अहम मान रही है।
- धर्मपाल सिंह: पशुपालन मंत्री और बरेली के प्रभावशाली लोध नेता, जिनकी संगठन में अनुभवी छवि ताकत है।
इसके अलावा, केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के नाम भी चर्चा में हैं। बीएल वर्मा की आरएसएस से नजदीकी और साध्वी निरंजन की हिंदुत्व छवि उनकी दावेदारी को बल देती है।
दलित चेहरों की बढ़ती दावेदारी (UP News)
पहली बार भाजपा में दलित प्रदेश अध्यक्ष की संभावना को लेकर चर्चा तेज है। लोकसभा 2024 में विपक्ष की दलित वोटरों को साधने की कोशिशों और मायावती-चंद्रशेखर की सक्रियता को देखते हुए पार्टी इस विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रही है। प्रमुख दलित चेहरे:
- रामशंकर कठेरिया: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष, जो हिंदुत्व और दलित पहचान के आक्रामक रुख के लिए जाने जाते हैं।
- विद्या सागर सोनकर: एमएलसी और पूर्वी यूपी में मजबूत पकड़ रखने वाले कार्यकर्ता।
- विजय सोनकर: आजमगढ़ के लालगंज से दलित नेता।
भाजपा ने अपने इतिहास में कभी दलित को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया, लेकिन बदलते सियासी समीकरण इस बार इतिहास रच सकते हैं।
ब्राह्मण नेताओं की भी चर्चा (UP News)
ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए कुछ नेता भी रेस में हैं। इनमें पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और बस्ती से पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी के नाम प्रमुख हैं।
चौंकाने वाला नाम संभव (UP News)
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि हाईकमान लीक से हटकर किसी अप्रत्याशित चेहरे को मौका दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय नेतृत्व और आरएसएस के बीच गहन मंथन चल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में दिल्ली में इस मुद्दे पर चर्चा की।
2027 का लक्ष्य और रणनीति (UP News)
2027 का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए अहम है, जहां पार्टी तीसरी बार सत्ता में वापसी का रिकॉर्ड बनाना चाहती है। इसके लिए जातीय संतुलन साधना जरूरी है। पार्टी ने छह नामों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजी है, जिसमें दो ब्राह्मण, दो ओबीसी और दो दलित नेता शामिल हैं।
अंतिम फैसला पीएम मोदी के हाथ (UP News)
संसद सत्र और उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के चलते ऐलान में थोड़ा विलंब संभव है। सूत्रों के अनुसार, अंतिम मुहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगाएंगे। दिल्ली में हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठकों में इस पर गहन विचार-विमर्श हुआ है।
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