Khabarwala 24 News Lucknow: UP News उत्तर प्रदेश सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव को सांसद-विधायक की तरह जनता के प्रत्यक्ष मतदान से कराने की दिशा में कदम उठा सकती है। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश सरकार जल्द ही इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजने की तैयारी में है। यदि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो आगामी पंचायत चुनाव में यह नई व्यवस्था लागू हो सकती है, जिससे ग्रामीण नेतृत्व का चयन अधिक लोकतांत्रिक और पारदर्शी होगा।
पंचायती राज मंत्री की पुष्टि
प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस पहल की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने शुक्रवार, 30 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की। राजभर ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वह अधिकारियों को जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के लिए प्रत्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया तैयार करने का निर्देश दें। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव को जल्द से जल्द केंद्र सरकार को भेजा जाए ताकि समय रहते आवश्यक तैयारियां पूरी की जा सकें।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री की सहमति
मंत्री राजभर के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई और जल्द ही इसे केंद्र को भेजने का आश्वासन दिया। राजभर ने बताया कि वह पिछले पंचायत चुनाव से ही इस व्यवस्था को लागू करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने पिछले महीने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। शाह ने भी प्रत्यक्ष चुनाव के प्रस्ताव का समर्थन किया और राज्य सरकार से औपचारिक प्रस्ताव भेजने को कहा। इस मुलाकात में राजभर के पुत्र और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर भी मौजूद थे।
सीधे चुनाव का क्या है महत्व
वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है, जिसमें निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि मतदान करते हैं। सीधे चुनाव लागू होने से जनता सीधे अपने नेतृत्व का चयन कर सकेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जवाबदेही और लोकतांत्रिक भागीदारी बढ़ेगी। राजभर ने कहा कि यह बदलाव पंचायती राज व्यवस्था को और सशक्त बनाएगा।
अगले कदम
प्रदेश सरकार अब अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश देगी। प्रस्ताव के केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन के बाद पंचायती राज अधिनियम में संशोधन और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 2026 के पंचायत चुनाव में नई व्यवस्था लागू हो सकती है।