Khabarwala24 News UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम Uttar Pradesh Outsourcing Service Corporation (UPCOS) के गठन को मंजूरी दी है, जो कंपनी एक्ट के तहत बनाया जाएगा। इस निगम का मकसद लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके श्रम अधिकार, उचित पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस पहल से न केवल कर्मचारियों को फायदा होगा, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और स्थायित्व भी आएगा।
आरक्षण को मिलेगी प्राथमिकता
सीएम योगी ने साफ किया है कि उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के तहत होने वाली सभी नियुक्तियों में SC, ST, OBC, EWS, महिलाओं, दिव्यांगजनों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण के नियमों का पूरी तरह पालन होगा। इसके अलावा, निराश्रित, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को भी भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और समाज के हर वर्ग को अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
UPCOS कैसे काम करेगा?
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम Uttar Pradesh Outsourcing Service Corporation (UPCOS) का गठन एक व्यवस्थित ढांचे के तहत होगा। इसकी देखरेख के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक Board of Directors बनाया जाएगा, साथ ही एक Director General की नियुक्ति होगी। मंडल और जिला स्तर पर भी समितियों का गठन होगा, जो भर्ती प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाएंगी। कर्मचारी चयन के लिए एजेंसियों का चयन GeM Portal के जरिए होगा, और यह चयन कम से कम तीन साल के लिए होगा।
मौजूदा आउटसोर्स कर्मचारियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए उनके अनुभव को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्हें चयन प्रक्रिया में Weightage दिया जाएगा, ताकि उनकी नौकरी सुरक्षित रहे। इस तरह, उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) न केवल नई भर्तियों को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि मौजूदा कर्मचारियों के हितों की भी रक्षा करेगा।
आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान
सीएम योगी ने कहा कि अभी आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन अलग-अलग तरीकों से होता है, जिसके कारण कर्मचारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें Salary Delay, EPF/ESIC में कटौती, पारदर्शिता की कमी और कर्मचारियों का उत्पीड़न जैसी शिकायतें शामिल हैं। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन से इन सभी समस्याओं का समाधान होगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का पारिश्रमिक हर महीने की 5 तारीख तक उनके बैंक खाते में जमा हो। साथ ही, EPF और ESIC की राशि भी समय पर जमा की जाए। कर्मचारियों को बैंकों और अन्य संस्थानों से मिलने वाले सभी लाभ सुनिश्चित किए जाएंगे।
नियम तोड़े तो होगी सख्त कार्रवाई
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) को एक Regulatory Body की तरह काम करने का निर्देश दिया गया है। यह निगम आउटसोर्सिंग एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर नजर रखेगा और नियमों का उल्लंघन करने वाली एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। इसमें Blacklisting, Debarment, Penalty और कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है। इसके अलावा, नियमित पदों के लिए आउटसोर्सिंग सेवाओं का उपयोग नहीं किया जाएगा, ताकि नौकरी की स्थायी प्रकृति बनी रहे।
कोई कर्मचारी नहीं होगा सेवामुक्त
सीएम योगी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि चयन प्रक्रिया के बाद किसी भी कर्मचारी को तब तक सेवामुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की मंजूरी न हो। यह कदम कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
प्रशासनिक दक्षता में होगा सुधार (UP News)
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) का गठन उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में एक नया अध्याय जोड़ेगा। यह न केवल आउटसोर्स कर्मचारियों को उनके हक दिलाएगा, बल्कि Administrative Efficiency को भी बढ़ाएगा। सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार हर कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम Uttar Pradesh Outsourcing Service Corporation (UPCOS) के गठन से लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों को न केवल आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनकी नौकरी में स्थायित्व और पारदर्शिता भी आएगी। यह पहल उत्तर प्रदेश में Social Justice और Transparent Recruitment की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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