Khabarwala 24 News Hapur : जिंदगी में कितनी भी मुश्किलें आएं, अगर हौसला और मेहनत साथ हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। हापुड़ (Hapur) के निजामपुर गांव की दो सगी बहनें, प्रभा और नेहा, इस बात का जीता-जागता सबूत हैं। 2021 में पिता को कैंसर ने छीन लिया, मगर इन बहनों ने हार नहीं मानी। दिन-रात मेहनत की, घर संभाला, और यूपी पुलिस सिपाही भर्ती 2023 (UP Police Constable Recruitment 2023) में कामयाबी का परचम लहरा दिया। लखनऊ में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मौजूदगी में इन बहनों को नियुक्ति पत्र सौंपा, तो उनके चेहरों की खुशी देखते ही बन रही थी।
मुश्किलों में भी टूटा नहीं हौसला
2021 में जब प्रभा (Prabha) और नेहा (Neha) के पिता का कैंसर से निधन हुआ, तो मानो इनके परिवार की दुनिया ही उजड़ गई। घर की आर्थिक हालत डगमगा गई, और ऊपर से पिता का साया भी सिर से उठ गया। लेकिन इन बहनों ने ठान लिया कि वो अपनी मां के सपनों को पूरा करेंगी। मां ने भी बेटियों को हिम्मत दी और हर कदम पर उनका साथ निभाया।
प्रभा बताती हैं, “पापा के जाने के बाद मां ने हमें बार-बार कहा कि बेटा, मेहनत करो, सरकारी नौकरी पक्की कर लो। हमने सोच लिया था कि चाहे जो हो जाए, यूपी पुलिस की परीक्षा में पास होना है।” दोनों बहनें दिन में घर का काम निपटातीं, और रात को किताबें खोलकर पढ़ाई में जुट जाती थीं। यार, ये वो जज्बा है जो हर किसी को इंस्पायर करता है!
लखनऊ में मिला सम्मान
15 जून 2025 को लखनऊ के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में एक भव्य समारोह हुआ। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityantah) ने 60,244 नए सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपे, जिनमें 12,048 महिलाएं थीं। प्रभा और नेहा भी उनमें शामिल थीं। जब सीएम योगी ने खुद उनके हाथ में नियुक्ति पत्र थमाया, तो उनकी आंखें खुशी से चमक उठीं।
प्रभा ने कहा, “लखनऊ में इतने बड़े मंच पर सीएम साहब से नियुक्ति पत्र लेना मेरे लिए गर्व की बात है। ये भर्ती इतनी पारदर्शी और निष्पक्ष थी कि हमें अपनी मेहनत का फल मिल गया। मैं पीएम मोदी और सीएम योगी का दिल से शुक्रिया अदा करती हूं।” उनके चेहरे की चमक और आत्मविश्वास देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था।

मां की प्रेरणा बनी ताकत
पिता के जाने के बाद मां इन दोनों बहनों की सबसे बड़ी ताकत बनीं। नेहा बताती हैं, “मम्मी ने हमसे कहा था कि मेहनत करो, नौकरी मिलेगी तो मुझे बहुत खुशी होगी। हमने दिन-रात एक कर दिया। घर का काम भी संभाला, और पढ़ाई भी नहीं छोड़ी।” दोनों बहनों ने घर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। सुबह खाना बनाना, घर की सफाई करना, और फिर रात को किताबों में डूब जाना, इनका रूटीन ऐसा था कि कोई भी देखकर दंग रह जाए। मां की हिम्मत और बेटियों की लगन ने आखिरकार रंग दिखाया।
परिवार में पहली बार लड़कियां बनीं सिपाही
नेहा ने गर्व से बताया, “हमारे परिवार में पुरुष तो पुलिस में थे, लेकिन कोई लड़की पुलिस फोर्स में नहीं थी। अब मैं और प्रभा इस विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। ये हमारे लिए बहुत बड़ा सम्मान है।” उनकी इस कामयाबी से Hapur के निजामपुर गांव में खुशी की लहर है।
रिश्तेदार, पड़ोसी, और दोस्त सब इन बहनों की तारीफ करते नहीं थक रहे। गांव के लोग कहते हैं, “प्रभा और नेहा ने दिखा दिया कि अगर दिल में जुनून हो तो कोई भी मुश्किल रास्ता नहीं रोक सकती।”
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Hapur के निजामपुर गांव में खुशी का माहौल
Hapur के निजामपुर गांव में आज उत्सव सा माहौल है। प्रभा और नेहा की कामयाबी ने पूरे गांव का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। गांव के बुजुर्ग कहते हैं, “ये बेटियां हमारा गर्व हैं। इनके जैसी मेहनत और हिम्मत हर किसी में होनी चाहिए।” प्रभा ने हंसते हुए कहा, “हमारी मम्मी और गांव वालों की दुआएं हमारे साथ थीं। अब हम पुलिस की वर्दी पहनकर अपने गांव और देश का नाम रोशन करेंगे।”
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