Khabarwala 24 News Hapur:UPPCS-2023 “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती!” हरिवंश राय बच्चन की यह पक्तियां हापुड़ के अकडौली गांव में रहने वाले दीपक सिंह चीमा पर सटीक बैठती हैं ।
दीपक सिंह चीमा ने यूपीपीसीएस-2023 के एग्जाम में ट्रेजरी ऑफिसर बनकर नाम रोशन किया है। दीपक को ट्रेजरी ऑफिसर बनने के लिए छह बार परीक्षा देनी पड़ी और तीन बार इंटरव्यू हुए। तब जाकर उन्हें यह सफलता मिली है। दीपक की सफलता से परिवार व गांव में खुशी का माहौल है।
काफी प्रयास के बाद मिली सफलता (UPPCS-2023 )
हापुड़ के छोटे से गांव अकडौली में रहने वाले देवेन्द्र खेती-किसानी करते हैं। देवेन्द्र पर तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां और एक बेटा दीपक सिंह है। दीपक ने बताया कि यूपीपीसीएस-2023 की परीक्षा पास करने पर उसे ट्रेजरी ऑफिसर की पोस्ट मिली है। उसकी इस सफलता के पीछे परिवार का श्रेय है। दीपक ने बताया कि उसके पिता ने कभी भी उसे पढ़ाई करने से पीछे नहीं हटने दिया। हमेशा उसकी असफलता पर साथ दिया। यही वजह रही कि दीपक ने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि छह बार यूपीपीसीएस की परीक्षा दी और तीन बार के इंटरव्यू के बाद उसे सफलता मिली।
परिवार का हमेशा रहा सपोर्ट (UPPCS-2023 )
दीपक ने बताया कि पिता किसान हैं, इसलिए उन्होंने धैर्य बनाए रखा। उन्हें पता है कि फसल में भी धैर्य बनाए रखना पड़ता है, तब कही जाकर फसल काटी जाती है। दीपक ने कहा कि परिवार का हमेशा से सपोर्ट रहा। पढ़ाई भी गांव में ही घर पर रहकर हुई, बस इंटरव्यू की तैयारी के लिए कोचिंग करनी पड़ी। दीपक ने बताया कि ट्रेजरी ऑफिसर की पोस्ट मिलने से परिवार और गांव में खुशी का माहौल है।
अफसरों बनने की तैयारी एेसे की शुरू (UPPCS-2023 )
दीपक सिंह चीमा ने बताया कि यूपीपीसीएस की तैयारी उन्होंने गांव में आने वाले अफसरों को देखकर करनी शुरू की थी। गांव में जब भी कोई अधिकारी आता था, तो स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता था, तभी देखकर लगा कि इसके लिए क्या करना पड़ेगा और तभी दिमाग में आया कि पढ़ाई से ही सफलता मिल सकती है, जिसके बाद वह अपनी पढ़ाई में जुट गए।
