Khabarwala 24 News New Delhi : Muhammad Yunus जाने-माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस का कहना है कि शेख हसीना ने अपने पिता ‘बंगबंधु’ मुजीबुर रहमान की विरासत को नष्ट कर दिया। यूनुस ने कहा- “बांग्लादेश आजाद हो गया है… हम अब एक स्वतंत्र देश हैं।
यूनुस पर हसीना सरकार ने 190 से अधिक मामलों में आरोप लगाए थे। बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ छात्रों और सिविल सोसाइटी के आंदोलन को प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस का खुला समर्थन रहा है। यही वजह है कि छात्र आंदोलनकारी और सिविल सोसाइटी के लोग अब यूनुस के बिना अंतरिम सरकार नहीं चलाना चाहते। छात्र नेताओं ने मंगलवार को ढाका में साफ कर दिया कि मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार होंगे। बांग्लादेश में इस समय पूरी कमान छात्र नेताओं के हाथ में है। यहां तक की बांग्लादेश की सेना भी उनकी बात सुन रही है।
सभी लोग महसूस कर रहे आज़ाद (Muhammad Yunus)
प्रोफेसर यूनुस ने कहा-जब तक वह (हसीना) वहां थीं, हम एक अवैध देश थे। वह एक कब्ज़ा करने वाली पावर, एक तानाशाह, एक सेनापति की तरह व्यवहार कर रही थी, जो सब कुछ नियंत्रित कर रही थीं। आज बांग्लादेश के सभी लोग आज़ाद महसूस कर रहे हैं। यूनुस को जनवरी में हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के श्रम कानूनों का उल्लंघन करने के लिए दोषी ठहराया था और वर्तमान में वह जमानत पर बाहर हैं।
दूसरी आजादी से जश्न का माहौल (Muhammad Yunus)
नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि यह बांग्लादेश के लोगों के लिए दूसरी आजादी की तरह है और पूरे देश में जश्न का माहौल है। यूनुस ने कहा- वे आजादी और खुशी की भावना महसूस कर रहे हैं कि हम सब कुछ फिर से शुरू कर सकते हैं…हम इसे पहले दौर में करना चाहते थे जब हम 1971 में स्वतंत्र हुए थे। और अभी हम इससे चूक गए। नई शुरुआत करना चाहते हैं और खूबसूरत देश बनाना चाहते हैं। यही प्रतिबद्धता है कि छात्र और युवा हमारे भविष्य का नेतृत्व करेंगे।
मुजीबुर रहमान मूर्ति से बर्बरता (Muhammad Yunus)
ढाका में मुजीबुर रहमान की मूर्ति को तोड़ने और संसद भवन पर धावा बोलने वाले प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई बर्बरता के बारे में पूछे जाने पर यूनुस ने कहा कि यह उसने (हसीना) ने जो नुकसान किया है, उसकी अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा यह बताता है कि वे हसीना के बारे में क्या महसूस करते हैं, उसने अपने और अपने पिता के साथ क्या किया… यह उन युवाओं की गलती नहीं है जो ऐसा कर रहे हैं।
राजनीति मेरे बस की बात नहीं (Muhammad Yunus)
बांग्लादेश में लाखों गरीबों को गरीबी से बाहर निकालने वाली अग्रणी माइक्रोफाइनेंस सिस्टम के संस्थापक यूनुस ने सक्रिय राजनीति में किसी भी भूमिका से इनकार किया। यूनुस ने कहा- मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं जो राजनीति में रहना पसंद करूंगा। राजनीति मेरे बस की बात नहीं है। प्रो. यूनुस जो इस समय पेरिस में हैं, ने कहा- मैं अधिक स्वतंत्र वातावरण में अपना काम जारी रखूंगा खुद को उन चीजों के लिए समर्पित करूंगा जो मैं पहले नहीं कर सका।
बिल्कुल भी सुनने के मूड में नहीं (Muhammad Yunus)
यह पूछे जाने पर कि बांग्लादेश में व्यापक नागरिक अशांति क्यों फैली, उन्होंने कहा एक बहुत ही साधारण सी बात है, आपने उनका (लोगों का) वोट देने का अधिकार छीन लिया। उनका सारा गुस्सा किसी भी राजनीतिक तरीके से बाहर नहीं आ सका था। तो यह कोटा परिवर्तन की एक साधारण मांग के रूप में सामने आया। इसने तुरंत तूल पकड़ लिया क्योंकि सरकार ने भी वैसा ही व्यवहार किया, उनकी बात सुनने के बजाय उन पर हमला किया क्योंकि वे बिल्कुल भी सुनने के मूड में नहीं हैं। अब, लोगों के पास इसे व्यक्त करने का अवसर है और आप इसे अब और नहीं रोक सकते।