Khabarwala 24 News New Delhi : International isolation भारत की ‘सिंदूर स्ट्राइक’ के बाद वैश्विक सहानुभूति और मदद की उम्मीद में पाकिस्तान जहां खामोश निगाहें टिकाए बैठा है। वहीं भारत का पड़ोसी श्रीलंका चुपचाप बड़ी कूटनीतिक जीत दर्ज कर गया है। दरअसल, वर्ल्ड बैंक ने श्रीलंका को आर्थिक मजबूती और युवाओं के लिए नौकरियां पैदा करने के लिए तीन सालों में एक अरब डॉलर की सहायता देने का ऐलान कर दिया है। यह वो मदद है जिसकी तलाश में पाकिस्तान लंबे वक्त से खड़ा है। हालांकि, पाकिस्तान को भी 9 मई को एक किश्त आनी है लेकिन सिंदूर स्ट्राइक के बाद क्या होता है, इस पर अभी भी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
डूबती अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी (International isolation)
श्रीलंका की डूबती अर्थव्यवस्था को संजीवनी देने के लिए वर्ल्ड बैंक ने एक अरब डॉलर का आर्थिक पैकेज देने का फैसला किया है। पैकेज का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उद्योग को मजबूत करना, निजी निवेश को आकर्षित करना और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को गति देना है। वर्ल्ड बैंक ने अपने बयान में कहा कि यह सहायता अगले तीन वर्षों में दी जाएगी, ताकि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और युवाओं को व्यापक स्तर पर रोजगार मिल सके।
भारत के पड़ोसी की कूटनीतिक चाल (International isolation)
ये मदद ऐसे समय पर आई है जब पाकिस्तान ‘सिंदूर स्ट्राइक’ से बुरी तरह बौखलाया है और सहानुभूति जुटाने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत की सैन्य और कूटनीतिक सक्रियता ने पाकिस्तान को घेर दिया है। श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ संबंधों को मजबूत रखते हुए आर्थिक समर्थन हासिल कर लिया है। यह दिखाता है कि कैसे पड़ोसी भारत के साथ सामंजस्य बैठाकर आगे बढ़ रहा है, जबकि दूसरा भारत-विरोध की राह अलग-थलग कर बैठा है।
श्रीलंका को वर्ल्ड बैंक से बड़ी राहत (International isolation)
वर्ल्ड बैंक की ओर से मिली यह आर्थिक सहायता पाकिस्तान के लिए एक कड़वा संदेश है। वह बार-बार IMF और वर्ल्ड बैंक से राहत की गुहार लगाता रहा है, लेकिन उसे या तो सख्त शर्तों वाली सीमित मदद मिलती है या फिर उससे पहले अन्य देश मदद ले जाते हैं। इसके उलट श्रीलंका की विदेश नीति और घरेलू सुधारों की दिशा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त कर रही है। नतीजतन, वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाएं वहां निवेश और सहयोग के लिए तैयार दिख रही हैं।
10 वर्षों में 7 लाख नौकरियों की तैयारी (International isolation)
वर्ल्ड बैंक का आकलन है कि आने वाले 10 वर्षों में श्रीलंका में 10 लाख युवा रोजगार बाजार में प्रवेश करेंगे, लेकिन वहां करीब 7 लाख नौकरियों की कमी होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए यह पैकेज तैयार किया गया है, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके और देश की आर्थिक स्थिति स्थिर हो। यह एक दीर्घकालिक रणनीति है, जिससे श्रीलंका आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेगा और अपने घरेलू संसाधनों का उपयोग कर सकेगा।