UPPCL Khabarwala 24 News Lucknow: बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश में 20 से 25 हजार करोड़ की लागत वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खरीद का बोझ उपभोक्ताओं की जेब पर नहीं पड़ेगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस संबंध में सभी विद्युत नियामक आयोगों को आदेश जारी कर दिया है। केंद्र ने इसे आत्मनिर्भर योजना का हिस्सा बताते हुए प्रति मीटर के हिसाब से 100 से 1350 रुपये तक अनुदान देने की बात कही है। जो भी अतिरिक्त खर्च आएगा उसे प्रदेश की बिजली कंपनियों द्वारा परंपरागत मीटर रीडिंग बिलिंग में सुधार करके वहन किया जाएगा।
बिजली कंपनियां अभी तक आरडीएसएस स्कीम के तहत स्मार्ट मीटर खरीद पर होने वाले खर्च की भरपाई प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की टैरिफ से करना चाह रही थीं। अब उस पर विराम लग गया है। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इस लड़ाई को सबसे ज्यादा मजबूती से उपभोक्ताओं के पक्ष में नियामक आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरपी सिंह ने लड़ा।
6 अफसरों को बिजली बिल न भेजने पर नोटिस
प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को बेहतर बनाने तथा उपभोक्ताओं को सही रीडिंग का बिल प्राप्त हो सके, इसके लिये शक्ति भवन में गुरुवार को मीटर से संबंधित परीक्षण खण्ड के अधिकारियों की बैठक और कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान 10 किलोवाट एवं ऊपर के उपभोक्ताओं को बिल न भेजने के कार्य में लापरवाही के आरोप में पूर्वांचल डिस्काम के निदेशक वाणिज्य एवं पांच अधिशासी अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस भेजने के निर्देश दिए।