Khabarwala24 News: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी जिले में एक कुत्ते ने अपनी सूझबूझ से 67 लोगों की जान बचाकर पूरे गांव का हीरो बन गया। इस कुत्ते का नाम है रॉकी (Rocky), और इसकी कहानी हर किसी को हैरान कर रही है। 30 जून की उस खौफनाक रात को, जब भारी बारिश और भूस्खलन ने सियाथी गांव को तबाह करने की धमकी दी, रॉकी के भौंकने ने पूरे गांव को जगा दिया और एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया। आइए, जानते हैं इस landslide से पहले की उस रात की पूरी कहानी।
भारी बारिश और भूस्खलन का कहर (Himachal Pradesh)
हिमाचल प्रदेश में इस साल मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है। Heavy rainfall, landslides, और floods ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया। मंडी जिला इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां 30 जून की रात को सियाथी गांव में अचानक भूस्खलन और बाढ़ ने दस्तक दी। रात के करीब 12 से 1 बजे के बीच, जब गांव के लोग गहरी नींद में थे, रॉकी ने अपनी समझदारी से सबको बचा लिया।
रॉकी का भौंकना बना जीवनदान
नरेंद्र, सियाथी गांव का एक निवासी, उस रात अपने घर में सो रहा था। तभी उसका कुत्ता रॉकी, जो घर की दूसरी मंजिल पर था, जोर-जोर से भौंकने लगा। नरेंद्र ने पहले रॉकी के भौंकने को नजरअंदाज किया, लेकिन उसका लगातार भौंकना रुका नहीं। नरेंद्र को लगा कि कुछ गड़बड़ जरूर है। जब वह उठा और उसने घर की light ऑन की, तो वह दंग रह गया। घर की दीवार पर एक बड़ी crack दिखाई दी, और पानी अंदर घुस रहा था। नरेंद्र को तुरंत समझ आ गया कि उसका घर ढहने वाला है।
गांव को जगाकर बचाई जान
नरेंद्र ने बिना देरी किए रॉकी को साथ लिया और घर से बाहर निकला। उसने अपने परिवार को जगाया और फिर पूरे गांव में जाकर पड़ोसियों को चेतावनी दी। उसने चिल्लाकर सबको भागने के लिए कहा। कुछ ही मिनटों बाद, एक बड़ा landslide गांव पर टूट पड़ा। करीब एक दर्जन घर मलबे में दब गए, और गांव का ज्यादातर हिस्सा मिट्टी और पत्थरों के नीचे समा गया। अब गांव में केवल चार-पांच घर ही बचे हैं। नरेंद्र की सूझबūझ और रॉकी के भौंकने की वजह से 67 लोगों की जान बच गई।

हिमाचल में मॉनसून की तबाही (Himachal Pradesh)
हिमाचल प्रदेश में इस बार मॉनसून ने भारी नुकसान पहुंचाया है। State Emergency Operation Centre (SEOC) की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जून से शुरू हुई भारी बारिश, बाढ़, और भूस्खलन से अब तक 85 लोगों की मौत हो चुकी है। इस आपदा में 225 घर, सात दुकानें, 243 पशु शेड, 31 गाड़ियां, और 14 पुल पूरी तरह नष्ट हो गए। इसके अलावा, 215 जानवरों की भी मौत हुई है। राहत और बचाव कार्यों में अब तक 494 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।
सड़कों और बिजली पर असर
SEOC के अनुसार, रविवार शाम तक हिमाचल में 243 सड़कें बंद थीं, जिनमें से 183 अकेले मंडी जिले में थीं। इसके अलावा, 241 बिजली के transformers और 278 पानी की योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इस आपदा से अब तक 572 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, और हिमाचल के मुख्यमंत्री के अनुसार, यह आंकड़ा 700 करोड़ के करीब पहुंच सकता है।
बारिश का अलर्ट जारी
Local weather department ने गुरुवार, 10 जुलाई तक हिमाचल के कई हिस्सों में भारी बारिश का yellow alert जारी किया है। बारिश का सिलसिला अभी थमा नहीं है, जिसके कारण लोगों में डर का माहौल है। सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा की वजह से हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं।
रॉकी: गांव का सच्चा हीरो
रॉकी की इस बहादुरी ने न सिर्फ सियाथी गांव, बल्कि पूरे हिमाचल में उसकी तारीफ हो रही है। एक साधारण कुत्ता, जिसने अपनी सूझबूझ से इतनी बड़ी त्रासदी को टाल दिया, आज हर किसी के लिए मिसाल बन गया है। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि जानवरों की बात को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उनकी instincts कभी-कभी इंसानों की जान बचा सकती हैं।
हिमाचल की इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मुसीबत के समय में छोटे-छोटे नायक भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। रॉकी की इस कहानी को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे।
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