Khabarwala 24 News New Delhi : About Rituals पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी पुत्रदा एकादशी कहलाती है। पुत्रदा एकादशी श्रावण मास में भी आती है पर पौष माह की पुत्रदा एकादशी को श्रेष्ठ माना गया है। एकादशी तिथि विष्णुजी का प्रिय दिन है। 21 जनवरी 2024 यानि आज पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। पुत्रदा एकादशी पर पुत्र और संतान सुख की कामना से व्रत रखकर पूजा पाठ करने का विधान है। इस बार पुत्रदा एकादशी रविवार के दिन पड़ रही है जिसके कारण इसका महत्व और बढ़ गया है।
श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूजा (About Rituals)
संतान सुख के लिए इस दिन सूर्यदेव की भी पूजा करनी चाहिए। वैसे तो इस दिन व्रत रखकर निष्ठापूर्वक पूजा पाठ करनेवालों को विष्णुजी पुत्र संतान और संतान का सुख देते हैं पर पुत्रदा एकादशी व्रत केवल पुत्र लाभ या संतान सुख ही नहीं दिलाता है। इस दिन जो भी व्यक्ति श्रद्धा और निष्ठा के साथ विष्णुजी की पूजा करता है उसके जीवन के सारे दुख दर्द भी दूर हो जाते हैं और उसे संसार के सभी सुख मिलते हैं।
ईश आराधना का खास महत्व (About Rituals)
जिंदगी कभी भी सहज नहीं रही है। हर युग में लोग दुख-दर्द से बेहाल होते रहे हैं लेकिन वर्तमान माहौल में जीवन बेहद कष्टकारी हो गया है। हर व्यक्ति किसी न किसी समस्या से ग्रस्त है और इसी कारण दुखी भी रहता है। हालांकि हर समस्या का समाधान भी है। लोगों के कष्ट कम करने के लिए सनातन धर्म में ईश आराधना का विशेष महत्व बताया गया है।
सभी भौतिक सुखों का कारक (About Rituals)
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि भगवान विष्णु को सभी भौतिक सुखों का कारक माना गया है। उनकी कृपा के बिना दुनिया का कोई भी सुख प्राप्त नहीं हो सकता। इसका अर्थ यह भी है कि हर प्रकार के दुख दूर करने के लिए भी उनकी प्रसन्नता जरूरी है। भगवान विष्णु का आशीर्वाद सभी कष्टों से मुक्ति दिला सकता है।भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा पूरे विधि विधान से करना चाहिए।
पाठ सबसे लाभकारी माना (About Rituals)
विष्णुजी की प्रसन्नता के लिए विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ सबसे लाभकारी माना गया है। यदि कोई व्यक्ति लगातार मिल रही असफलताओं से विचलित हो गया हो, शत्रु हावी हो रहे हों, एक के बाद एक कई नई समस्याएं सामने आ रही हों तो उसे पूरी श्रदृधा से विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। गुरूवार और एकादशी तिथि के दिन विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ जरूर करें। इससे धीरे-धीरे आपके दुखदर्द कम होने लगेंगे।
सूर्यदेव को जल अर्पित करें (About Rituals)
ऐसे करें पूजन : एकादशी के दिन सुबह पानी में गंगाजल डालकर नहाएं। स्नान के बाद इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करें और सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें। पुत्रदा एकादशी पर आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें, संभव हो तो यह स्तोत्र तीन बार पढ़ें। सूर्यदेव की पूजा संपन्न होने के बाद उन्हें दोबारा जल अर्पित करें। सूर्य देव के आशीर्वाद से योग्य और यशवान संतान प्राप्त होती है। सूर्य पूजन के बाद शुद्ध व साफ कपड़ा पहनकर भगवान विष्णु की विधिविधान से पूजा करें।
विष्णु सहस्त्र का पाठ भी करें (About Rituals)
भगवान् विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाएं, इसके बाद धूप. दीप से आरती करें और मिष्ठान्न व फलों का भोग लगाएं। इस दिन विधिपूर्वक विष्णुजी की पूजा करें और फिर श्रद्धापूर्वक विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ भी करें। करीब 20 मिनट का यह पाठ विष्णुजी की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे अच्छा माना गया है। संभव हो तो विष्णुसहस्त्रनाम का रोज पाठ करें। कुछ ही दिनों में आपका जीवन बदल जाएगा।