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Tortoise At Home धन संपत्ति का कारक माना गया है कछुआ, आप भी घर लाकर बदल सकते हैं अपनी तकदीर, आ गया सबसे शुभ अवसर

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Khabarwala 24 News New Delhi : Tortoise At Home हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार कूर्म द्वादशी पर विष्णुजी और कछुआ की पूजा करने से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। इस बार कूर्म द्वादशी 22 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन न केवल कछुए की पूजा करना चाहिए बल्कि संभव हो तो कछुआ घर पर लाएं। घर या व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर चांदी या अष्टधातु का कछुआ रखना काफी शुभ होता है।

इससे धन संपदा बढ़ती है और जीवन में तरक्की होती रहती है। सनातन धर्म में कछुआ को धन संपत्ति का कारक माना गया है। घर में कछुआ रखने से आर्थिक संकट नहीं आता। उसकी पूजा करने से मां लक्ष्‍मी की कृपा प्राप्त होती है। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी कछुआ रखने की परंपरा है। इससे धन की आवक बनी रहती है।

शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि (Tortoise At Home)

शास्त्रों में कूर्म द्वादशी को बेहद शुभ बताया गया है। कूर्म द्वादशी पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यानि 2024 में कूर्म द्वादशी 22 जनवरी को अर्थात सोमवार के दिन मनाई जाएगी। सबसे खास बात यह है कि कूर्म द्वादशी के दिन ही अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। कूर्म द्वादशी के दिन घर में कछुआ लाने का सबसे ज्यादा महत्व बताया जाता है।

कच्छप अवतार को समर्पित (Tortoise At Home)

दरअसल यह दिन भगवान विष्णु के कूर्म या कच्छप यानि कछुआ अवतार को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन विष्णुजी ने कूर्म अर्थात कछुए का अवतार लिया था। यही कारण है कि इस दिन भगवान विष्णु और उनके कूर्म अवतार की विधिविधान से पूजा करने का विधान है। कूर्म द्वादशी के दिन श्राद्ध और दान देने का भी महत्व बताया गया है।

व्रत और पूजा का संकल्प लें (Tortoise At Home)

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें। संकल्प लेने के बाद घर या मंदिर में जाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा संपन्न होने के बाद जल और फल ग्रहण करें। इस दिन कछुआ की पूजा जरूर करें। किसी भी तरह का निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए भी कूर्म द्वादशी का दिन बहुत शुभ माना जाता हैें।

कूर्म द्वादशी की पूजा विधि (Tortoise At Home)

सुबह भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए उनके व्रत और पूजा पाठ का संकल्प लें। स्नान करके पूजा घर में भगवान विष्णु के विग्रह के साथ चांदी या अष्टधातु का कछुआ रखें अन्यथा कछुए की तस्वीर रखें। शिवलिंग और विष्णुजी के विग्रह का पंचामृत से अभिषेक करें फिर विष्णुजी और कछुए पर कुमकुम, चंदन, रोली लगाएं। पीले फूल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें। विष्णु के कूर्म अवतार का कथा पढ़ें। संभव हो तो इस दिन निर्जला व्रत रहें या केवल फलाहार करें।

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