नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (khabarwala24)। देश में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या में इजाफा होने जा रहा है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में सिविल सेक्टर के तहत 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी है। इस परियोजना पर 5,862 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे।
वर्तमान में 1,288 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें से 3 विद्यालय विदेशों में (मॉस्को, काठमांडू और तेहरान) स्थित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने यह स्वीकृति दी है। इन विद्यालयों को मुख्यत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वीकृत किया गया है। हालिया 57 विद्यालयों में से 7 गृह मंत्रालय द्वारा प्रायोजित हैं, जबकि शेष 50 राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्रायोजित हैं।
ये विद्यालय विशेषकर वंचित और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में खोले जाएंगे। इनमें 20 विद्यालय उन जिलों में हैं जहां अभी तक कोई केंद्रीय विद्यालय मौजूद नहीं है। 14 केंद्रीय विद्यालय आकांक्षी जिलों में खोले जाने हैं। 4 केंद्रीय विद्यालय वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में शुरू होंगे तथा 5 विद्यालय उत्तर-पूर्वी और पहाड़ी क्षेत्रों में खोले जाएंगे। इन 57 नए विद्यालयों की स्थापना पर कुल 5862.55 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो वर्ष 2026-27 से अगले नौ वर्षों में व्यय होंगे। इसमें 2585.52 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय तथा 3277.03 करोड़ रुपये परिचालन व्यय शामिल हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, पहली बार इन सभी 57 विद्यालयों में बालवाटिका (प्री प्राइमरी) की भी व्यवस्था होगी। भारत सरकार ने वर्ष 1962 में केंद्रीय विद्यालय योजना को मंजूरी दी थी ताकि पूरे देश में एक समान मानक की शिक्षा प्रदान की जा सके। विशेषकर ये विद्यालय केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों, रक्षा बलों और अर्धसैनिक बलों के बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में 1288 केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें से 3 विदेशों (मॉस्को, काठमांडू और तेहरान) में स्थित हैं।
30 जून 2025 तक के आंकड़े बताते हैं कि केवी में लगभग 13.62 लाख छात्रों का नामांकन है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार इन 57 नए विद्यालयों की स्थापना यह नया प्रस्ताव है। यह प्रस्ताव दिसंबर 2024 में स्वीकृत 85 केंद्रीय विद्यालयों के अतिरिक्त है। इस प्रकार अब 142 नए केंद्रीय विद्यालयों को मंजूरी मिल चुकी है। एक पूर्ण विकसित केन्द्रीय विद्यालय (बालवाटिका से कक्षा 12 तक) की क्षमता लगभग 1520 छात्रों की होती है। इस प्रकार 57 नए विद्यालयों से लगभग 86,640 छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। साथ ही, प्रत्येक विद्यालय में लगभग 81 पदों के सृजन के आधार पर कुल 4617 प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार अवसर तैयार होंगे।
निर्माण और अधोसंरचना से संबंधित गतिविधियों से बड़ी संख्या में कुशल व अकुशल श्रमिकों को भी रोजगार मिलेगा। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में अब तक 913 केंद्रीय विद्यालयों को पीएम श्री स्कूल घोषित किया गया है। केंद्रीय विद्यालय अपनी उच्च स्तरीय शिक्षा, आधुनिक शिक्षण-पद्धति और उन्नत अवसंरचना के लिए पहले से ही देशभर में सबसे लोकप्रिय विद्यालयों में गिने जाते हैं।
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि केंद्रीय विद्यालयों की यह नई श्रृंखला शिक्षा की गुणवत्ता को उन राज्यों और जिलों तक पहुंचाएगी, जहां अब तक केंद्रीय विद्यालय नहीं थे या उनकी संख्या कम थी। साथ ही, यह योजना राष्ट्रीय एकीकरण, समावेशन और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी सुदृढ़ करेगी।
Source : IANS
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