Khabarwala 24 News Prayagraj: Prayagraj उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के बहुप्रतीक्षित चुनाव की सरगर्मी अब चरम पर पहुंच गई है। हापुड़ बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता खालिद खान ने रविवार को प्रयागराज स्थित बार काउंसिल कार्यालय में सदस्य पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश पर सात वर्षों के लंबे अंतराल के बाद हो रहे इस चुनाव में हापुड़ बार के मतदाता 20 और 21 जनवरी 2026 को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद खालिद खान ने अपने समर्थक अधिवक्ताओं के साथ प्रचार अभियान तेज कर दिया है, जिसमें अधिवक्ता समुदाय की प्रमुख समस्याओं का समाधान उनके एजेंडे की धुरी बना हुआ है।
चुनाव की पृष्ठभूमि और प्रक्रिया(Prayagraj)
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश का चुनाव सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार चार चरणों में आयोजित किया जा रहा है। नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर से शुरू हो चुकी है और 19 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच, वापसी और अंतिम सूची प्रकाशन की प्रक्रिया पूरी होगी। हापुड़ बार एसोसिएशन सहित के विभिन्न बारों में मतदान की तिथियां निर्धारित की गई हैं, जिसमें हापुड़ में दो दिवसीय वोटिंग (20-21 जनवरी) होगी। यह चुनाव अधिवक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है, क्योंकि पिछले सात वर्षों में कई मुद्दे लंबित पड़े हैं।
अधिवक्ता समुदाय की गरिमा और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक (Prayagraj)
खालिद खान ने नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “यह चुनाव केवल पद का नहीं, बल्कि अधिवक्ता समुदाय की गरिमा और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से यह संभव हुआ है। यदि मैं सदस्य चुना जाता हूं, तो मेरी पहली प्राथमिकता अधिवक्ताओं की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना होगी।”
खालिद खान के प्रमुख चुनावी वादे (Prayagraj)
खालिद खान ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में अधिवक्ताओं की लंबे समय से चली आ रही मांगों को प्राथमिकता दी है। उनके मुख्य वादे निम्नलिखित हैं:
- अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट का सख्त क्रियान्वयन: वर्तमान में अधिवक्ताओं पर हमले और धमकियां बढ़ रही हैं। खालिद खान ने वादा किया कि बार काउंसिल स्तर पर इस एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू कराया जाएगा, ताकि कोर्ट परिसरों और बाहर अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
- रजिस्ट्रेशन और COP प्रक्रिया में सुधार: नए अधिवक्ताओं को बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन और सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (COP) प्राप्त करने में आने वाली जटिलताओं को सरल बनाया जाएगा। डिजिटल प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने पर जोर।
- नए अधिवक्ताओं को मासिक सहायता: करियर की शुरुआत में संघर्ष करने वाले युवा वकीलों को हर महीने 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी। यह योजना बार काउंसिल फंड से संचालित होगी।
- बुजुर्ग अधिवक्ताओं के लिए पेंशन योजना: 70 वर्ष से अधिक आयु के सेवानिवृत्त या सक्रिय अधिवक्ताओं को मासिक पेंशन प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उनकी आर्थिक सुरक्षा बनी रहे।
- डेथ क्लेम राशि में भारी बढ़ोतरी:
- 70 वर्ष तक की आयु में अधिवक्ता की मृत्यु पर वर्तमान 5 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाएगा।
- 70 वर्ष से अधिक आयु में मृत्यु पर मौजूदा 3 लाख रुपये को 10 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रयास। यह कदम परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करेगा।
खालिद खान ने जोर देकर कहा कि ये वादे केवल घोषणाएं नहीं, बल्कि बार काउंसिल की बैठकों में प्रस्ताव पारित कराकर लागू कराए जाएंगे।
अधिवक्ताओं में उत्साह और समर्थन
नामांकन दाखिल होने की खबर फैलते ही हापुड़ समेत कई जनपदों के बार एसोसिएशन के सदस्यों में खुशी की लहर दौड़ गई। अधिवक्ताओं ने खालिद खान को बधाई दी और उनके प्रचार अभियान में सक्रिय रूप से जुट गए। बार के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा, “खालिद खान अनुभवी और समर्पित अधिवक्ता हैं। उनके वादे व्यावहारिक हैं और अधिवक्ता हितों को मजबूत करेंगे।” प्रचार के लिए पोस्टर, मीटिंग और सोशल मीडिया कैंपेन शुरू हो चुके हैं।
आगे की राह
चुनाव में कई दिग्गज मैदान में हैं, लेकिन खालिद खान के स्थानीय जुड़ाव और ठोस एजेंडे ने उन्हें मजबूत दावेदार बना दिया है। बार काउंसिल चुनाव अधिवक्ता समुदाय की एकता का प्रतीक माने जाते हैं, और इस बार मुद्दे आधारित प्रचार पर फोकस है। जांच और मतदान तक की प्रक्रिया पारदर्शी रखने पर बार काउंसिल की नजर रहेगी।
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