Shahtoosh Shawl Khabarwala 24 News New Delhi: ठंड के मौसम में शॉल खरीदते समय लोगों की पहली पसंद पश्मीना शॉल ही होती है। हालांकि पश्मीना शॉल काफी महंगा होता है, काफी गर्म होने की वजह से इसे ज्यादा पसंद किया जाता है। लेकिन इससे भी महंगा शहतूश शॉल (Shahtoosh Shawl) होता है, जो काफी गर्म होता है। Shahtoosh Shawl इतना महंगा होता है कि इसका एक पीस खरीदने के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। आइए जानते है शहतूश शॉल क्यों खास होता है और इसे अब बैन क्यो कर दिया गया है।
क्यों खास है Shahtoosh Shawl?
आपको बता दें कि यह शहतूश शॉल (Shahtoosh Shawl)चिरु नाम के एक जानवर के बालों से बनाया जाता है। ये जानवर बर्फीले पहाड़ जैसे तिब्बत और लद्दाख रिजन में मिलते हैं। इनके बालों का इस्तेमाल करके शहतूश शॉल बनाए जाते हैं। साथ ही यह शॉल काफी गर्म होते है और इसलिए इन्हें पसंद किया जाता है।
इतने महंगे क्यों होते हैं?
पहली बात तो किसी जानवर के बाल की वजह से बने होने की वजह से ये काफी महंगे होते है। चिरु काफी दुर्लभ जानवर हैं और उनके बालों को जमा करना और उससे शॉल बनाना काफी कठिन है। कहा जाता है कि एक शॉल बनाने के लिए 4-5 चिरू के बालों का इस्तेमाल होता है, जिस कारण इसका रेट और भी ज्यादा हो जाता है।
आखिर क्यों बैन है ये शॉल?
आपको बता दें कि , इसके बैन होने की कारण इसको बनाने की प्रक्रिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब एक शहतूश शॉल (Shahtoosh Shawl)बनाया जाता है तो एक शॉल के बनाने में 4-5 चिरु की मौत हो जाती है। हर साल कई चिरु की मौत सिर्फ शॉल बनाने के कारण हो जाती है। ऐसे में इसे अब दुर्लभ जानवर माना जा रहा है और लगातार हो रही मौत की वजह से इस पर बैन लगा दिया गया है। साल 1975 में IUCN द्वारा शहतूश शॉल को बैन कर दिया गया और इसके बाद 1990 में भारत ने भी इस शॉल पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अब इसकी बिक्री बैन है।
जानिए क्या है एक शॉल की कीमत
अगर इस शॉल (Shahtoosh Shawl)की रेट की बात करें तो ये शॉल शॉल 5000 डॉलर से लेकर 20 हजार डॉलर तक में भी बिकता है। यानी इसे खरीदने के लिए आपको 10-15 लाख रुपये तक भी खर्च करने पड़ सकते हैं।
