Khabarwala 24 News New Delhi Seen Only India : दुनिया में कई जानवर ऐसे हैं जो केवल भारत में देखे जा सकते हैं। जबकि उन्हें देखने पर लगता नहीं है कि वे कहीं और नहीं मिलते होंगे पर ऐसा नहीं है ।इनमें एशिया शेर, बंगाल के बाघ और गैंडे से लेकर बारहसिंगा तक शामिल हैं। भारत जैवविविधता के मामले में दुनिया का बहुत ही खास देश है। यहां 104 नेशनल पार्क और 553 वन्य अभ्यारण्य हैं। वन्य जीवन ही प्रदेशों में पर्यटन का प्रमुख आधार है। भारत के वन्य जीवों में बहुत ही अधिक विविधता देखने को मिलती है। यहां कई जानवर ऐसे हैं यहां पर्वतों पर बर्फीली जलवायु से लेकर रेगिस्तान तक में देखने को मिल जाते हैं, जिनके बारे में लगता है कि वे दुनिया के दूसरे देशों में भी कहीं होते होंगे।
एक सींग वाला गैंडा (Seen Only India)
एक सींग वाला गैंडा कभी पाकिस्तान और म्यांमार तक में पाया जाता था. आज ये केवल भारत और नेपाल में देखने को मिलते हैं और इनकी संख्या करीब 3700 ही रह गई है इनमें से भी ज्यादातर असम के कांजीरंगा नेशनल पार्क में मिलते हैं. 20वीं सदी में तो इनकी संख्या केवल 200 के आसपास तक पहुंच गई थी. इनका सींग के लिए शिकार किया जाता था।
एशियाई बब्बर शेर (Seen Only India)
एशियाई बब्बर शेर गुजरात के गिर नेशनल पार्क में पाए जाते हैं. यह शेरों की एकमात्र प्रजाति है जो अफ्रीकी शेरों से अलग है. एक समय था जब ये मध्य पूर्व से लेकर भारत के मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल तक में मिलते थे. 1990 में इनकी संख्या 284 थी लेकिन 2020 में ये 794 हो गई थी. भारत में दुनिया के 70 फीसदी बाघ रहते हैं. लेकिन पट्टी धारी बंगाल के बाघ केवल भारत में पाए जाते हैं. 50 टाइगर रिजर्व हैं जिनमें करीब 3 हजार हैं. इनके अवैध शिकार के कारण इनका अस्तित्व खतरे में है।
सोन चिड़िया प्रजाति (Seen Only India)
सोन चिड़िया या ग्रेड इंडियन बस्टर्ड विलुप्त होने की कगार पर आ चुकी प्रजाति है. अब दुनिया में केवल 150 ही सोन चिड़िया बची हैं. ये शर्मीले पक्षी, सबसे भारी उड़ने वाले पक्षी माने जाते हैं. इनके शिकार की वजह से ये विलुप्त होने की स्थिति में आ गए हैं. ये भारत के 11 राज्यों के अलावा पाकिस्तान में भी मिलते हैं।
लायन टेल्ड मकाक (Seen Only India)
पश्चिमी घाट के वर्षावनों में पाए जाने वाले लायन टेल्ड मकाक को वंडारू नाम से भी जाना जाता है. इनकी शेर जैसी पूंछके अलावा फर वाला मुंह आकर्षित करता है. ये पेड़ों पर रहना पसंद करते हैं आज इनकी संख्या 3 से 4 हजार की रह गई है. ये केरल तमिलनाडु और कर्नाटक में देखे जाते हैं।
कश्मीरी हंगुल
कश्मीरी हंगुल यूरोपीय लाल बाहरसिंगा की एक उप प्रजाति है ये जम्मू कश्मीर में पाए जाते है.. पहले ये हिमाचल प्रदेश में भी मिलते थे. आज ये जम्मू कश्मीर में केवल 150 रह गए हैं. इन्हें इंसानी आवास के साथ कुत्तों से भी खतरा है।
खास तरह की बकरी
नीलगिरी तहर पश्चिमी घाट में मिलने वाले खास तरह की बकरी हैं जो करीब 6500 फुट की ऊंचाई पर पहती हैं. एक समय पर ये घाट में हर जगह देखने को मिलते थे. अब ये केवल नीलगिरी और अनामाली की पहाड़ियों में देखने को मिलते हैं. केरल के एराविकुलम नेशनल पार्क में ये देखे जा सकते हैं।
बारहसिंगा हिरण
बारहसिंगा ऐसा हिरण है जिसके बारह सिंग होते हैं इसी वजह से उसका नाम बारह सिंगा नाम पड़ा है. ये मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में पाए जाते हैं. 1960 के दशक में ये विलुप्त ही हो गए ते. उसके बाद किए गए प्रयासों से इनकी जनसंख्या बढ़ने लगी और पार्क में ही 800 बारह सिंगा हैं जबकि यहां बाघ भी पाए जाते हैं. ये नेपाल, आसाम में भी देखने को मिल जाते हैं।
किंग कोबरा
किंग कोबरा भारत में बहुत देखने को मिलता है, लेकिन अंडमान निकोबार द्वीपों की जैवविविधता दुनिया में अनोखी मिसाल है यहां 572 में से केवल 36 में लोग रहते हैं. अंडमान में कोबरा की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं इनमें से अंडमान कोबरा केवल यहीं देखने को मिलता है।
गंगा की डॉलफिन
गंगा नदी की डॉलफिन केवल भारत की गंगा नदी में प्रमुखता से देखने को मिलती है. साफ पानी की ये डॉलफिन भारत की राष्ट्रीय जलीय पशु है. एक समय में ये गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी में बहुत अधिक संख्या में मिलती थी. लेकिन अब इनकी संख्या काफी कम हो गई हैं और इनके संरक्षण पर काम हो रहा है. ये भारत के अलावा नेपाल और बांग्लादेश में भी मिलती हैं।