Saturday, October 12, 2024

Satellite Falls On House अगर कोई सैटेलाइट आपके घर पर गिर जाए तो आप मुआवजे के हकदार मगर प्रॉपर्टी का आंकलन करके ही मिलेंगे पैसे

Join whatsapp channel Join Now
Folow Google News Join Now

Khabarwala 24 News New Delhi : Satellite Falls On House पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करने वाला एक उपग्रह है। चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला एक उपग्रह है। वहीं जब हम किसी अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा में भेजते हैं, तो वो भी एक उपग्रह ही होता है तो बता दें सैटेलाइट वो होती है जो किसी ग्रह या तारे की परिक्रमा करती है। अंतरिक्ष में फिलहाल लगभग 2465 सैटेलाइट अलग-अलग उद्देश्य से पृथ्वी की परिक्रमा कर रही हैं। कई बार ये सैटेलाइट खराब भी हो जाते हैं। ऐसे में ये डर भी रहता है कि अंतरिक्ष में घूम रहे ये सैटेलाइट यदि पृथ्वी पर आकर गिर जाएं तब क्या होगा। क्या उस घर के मालिक को मुआवजा मिलेगा। यदि मिलेगा भी तो कितना। चलिए आज इन सभी सवालों के जवाब जान लेते हैं…

यदि कोई सैटेलाइट किसी घर पर गिर जाए तो क्या होगा (Satellite Falls On House)

कुछ समय पहले एक पोस्ट वायरल हुई थी जिसमें बताया गया था कि यदि कोई सैटेलाइट किसी घर पर गिर जाए तो उस व्यक्ति को लगभग 77 करोड़ का मुआवजा मिलेगा, लेकिन बता दें कि कोई सैटेलाइट पूरी तरह पृथ्वी पर नहीं गिरती, बल्कि यदि जब वो गिरने की स्थिति में होती है तो वो आधी से ज्यादा पृथ्वी तक पहुंचने से पहले ही जल जाती है। सिर्फ उसके कुछ भाग ही बचते हैं जो पृथ्वी तक पहुंच पाते हैं। ऐसे में यदि ये भाग किसी व्यक्ति के घर पर गिर जाएं तो व्यक्ति के पास मुआवजे का अधिकार तो होता है। हालांकि ये निश्चित नहीं होता कि उसे कितना मुआवजा दिया जाएगा बल्कि ये उस प्रॉपर्टी का आंकलन करके पता लगाया जाता है।

सैटेलाइट का मलबा लोगों को पहुंचा सकता है नुकसान (Satellite Falls On House)

बता दें कि पृथ्वी के एक छोटे से हिस्से पर ही मानव आबादी रहती है। ऐसे में जर्नल नेचर में प्रकाशित एक जुलाई 2022 की रिसर्च मुताबिक, लगभग दस प्रतिशत संभावना है कि दस साल की अवधि में मलबा एक या उससे अधिक लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में साफ हो गया कि ऐसी घटना काफी दुर्लभ है।

जिस देश को क्षति पहुंची वहां की सरकार करती है मांग (Satellite Falls On House)

यदि किसी देश द्वारा भेजी गई किसी अंतरिक्ष वस्तु का मलबा दूसरे देश में गिरकर नुकसान पहुंचाता है या उड़ते हुए विमान से टकराता है तो इसे 1967 की बाह्य अंतरिक्ष संधि और 1972 की देयता संधि के अनुसार एक अंतर-सरकारी मुद्दा माना जाएगा। यदि दो देशों ने संयुक्त रूप से अंतरिक्ष में किसी वस्तु को भेजा है तो वे पीड़ित पक्ष को क्षतिपूर्ति के लिए संयुक्त रूप से उत्तरदायी होंगे। मुआवजे की मांग जिस देश को क्षति पहुंची है उस देश की सरकार करती है।

यह भी पढ़ें...

latest news

Join whatsapp channel Join Now
Folow Google News Join Now

Live Cricket Score

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Live Cricket Score

Latest Articles

error: Content is protected !!