Khabarwala 24 News New Delhi : Sakat Chauth Vrat 2024 माघ महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत संतान की रक्षा और दीर्घायु के लिए रखा जाता है। इसे तिल कुटा चौथ, संकष्टी चतुर्थी, संकटी चौथ और माही चौथ भी कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश ने देवताओं का संकट दूर किया था। महिलाएं संतान की सुरक्षा और दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ चंद्रमा की भी पूजा होती है। व्रती महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर विधिवत पूजा करती हैं। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने का क्या महत्व है। इस साल सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी सोमवार को रखा जाएगा।
चंद्रमा की पूजा (Sakat Chauth Vrat 2024)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। चंद्रमा की पूजा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन नकारात्मक विचारों से मुक्त होता है। हिंदू धर्म शास्त्रों में चंद्रमा को औषधियों का स्वामी और शीतलता का कारक माना जाता है। यही कारण है कि सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
कैसे दें अर्घ्य, महत्व (Sakat Chauth Vrat 2024)
संकट चौथ को भगवान गणेश की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। इसके लिए चांदी के बर्तन दूध में जल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना उत्तम माना गया है।पौराणिक कथा के मुताबिक, सकट चौथ के दिन ही भगवान गणेश ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा की थी। मान्यता है कि व्रत से संतान के जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। गणेश जी की पूजा और चंद्रदेव को विधि(संतान के लिए गणेश स्तोत्र का पाठ) अनुसार अर्घ्य देने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है।