Khabarwala 24 News Hapur: Ram Katha श्री रामलीला समिति रजिस्टर्ड हापुड़ द्वारा आयोजित श्री राम कथा में आज सप्तम दिवस पर यजमान के रूप में विजेंद्र कुमार कंसल एवं कविता कंसल द्वारा पूजा अर्चना कर श्रीराम कथा आरंभ की गई।
चित्रकुट पर्वत पर जाते हैं (Ram Katha)
पवन देव चतुर्वेदी जी व्यास जी महाराज ने प्रवचन करते हुए बताया कि केवट के द्वारा श्री राम गंगा के उस पार चले जाते है, वहां जाकर महर्षि वाल्मीकि से उनका मिलन होता है तथा वाल्मीकि से रहने का स्थान भगवान श्री राम जी पूछते हैं तो महर्षि त्रिकालदर्शी वाल्मीकि राम जी को 14 स्थान मुख्यतः भक्तों के मन मंदिर में रहने की बदलाते हैं और तत्काल रहने के लिए ,चित्रकूट पर्वत जाने का आदेश देते हैं। भगवान चित्रकूट पर्वत पर जाते हैं और अति प्रेम से रहने लगते है।
दशरथ जी का श्री राम वियोग में प्राण त्यागना (Ram Katha)
इधर सुमंत जाकर दशरथ को राम जी के वन जाने का सब हाल सुनाते हैं राम जी के वियोग में दशरथ जी श्रवण कुमार की पूरी कथा कौशल्या को सुनाते हैं और राम-राम कहते हुए अपने प्राणों को त्याग देते हैं।
भरत जी द्वारा माता कैकई को खरी खोटी सुनाने का प्रसंग (Ram Katha)
दशरथ की मृत्यु का समाचार सुनकर भरत की अलपाये हुए आते हैं माता कैकई से सब जानकारी लेते हैं और माता कैकई को बहुत खरी खोटी सुनाते हैं। फिर भरत जी दशरथ जी का क्रिया कर्म की सारी प्रक्रिया पूर्ण करके माता कौशल्या जी के सहित, सम्पूर्ण प्रजा के सहित ,गुरु जी के सहित श्री राम जी को मनाने के लिए चित्रकूट पर जाते हैं।
चित्रकूट में श्रीराम और भैया भरत के मिलन का प्रसंग (Ram Katha)
चित्रकूट पर श्री राम और भरत का भावपूर्ण मिलन होता हैं और अंत में श्री राम जी भैया भरत जी को अपनी चरण पादुका प्रदान करके अयोध्या का राजपाठ संभालने के लिए बोलते हैं । भैया भरत राम की चरणपादुका को सिर पर धारण कर रोते हुए अयोध्या के लिए वापस लौट आते हैं।
श्री रामचरित मानस की आरती की (Ram Katha)
कथा विश्राम होने के बाद प्रधान रविंद्र गुप्ता महामंत्री विनोद कुमार वर्मा कोषाध्यक्ष उमेश अग्रवाल मीडिया प्रभारी शुभम गोयल एडवोकेट द्वारा विधिवत आरती की गई एवं कथा के दौरान डी.के.सर्राफ, रतनलाल ठेकेदार, रामकुमार गर्ग, नवीन वर्मा, विनोद गुप्ता, अतुल सोनी, नवीन गुप्ता, हरि प्रकाश जिंदल, विवेक सिंघल, अंकुर गर्ग, मुकुट लाल वर्मा, अनिल टोपी, प्रदीप सोनी, तनिष्क गुप्ता, आदि उपस्थित रहें।