Khabarwala 24 News New Delhi : Pots syndrome complications अक्सर कुछ देर बैठे रहने या सोकर उठते ही चक्कर आने, आंखों के सामने अंधेरा छा जाने या बेहोशी जैसी समस्या होने लगती है। कुछ स्थितियों में इसे कमजोरी माना जाता है पर अगर आपको बार-बार ये समस्या है तो सावधान हो जाइए। ये गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत हो सकता है। मेडिकल में इसे पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया सिंड्रोम (पीओटीएस) नामक समस्या के रूप में जाना जाता है। पीओटीएस, एक ऐसा विकार है जिसमें जब हम खड़े होते हैं तो शरीर का अधिकांश रक्त आपके निचले शरीर में रह जाता है। पूरे शरीर में रक्त के संचार को बढ़ाने के लिए हृदय गति बढ़ जाती है, जिसके कारण इस तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि पीओटीएस क्यों होती है और इसके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम | Pots syndrome complications
जॉन्स हॉप्किंस के विशेषज्ञ कहते हैं, आमतौर हमारे शरीर का ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम हृदय गति और रक्तचाप को संतुलित बनाए रखता है जिससे कि शरीर के सभी हिस्सों में रक्त का संचार ठीक तरीके से होता रह सके। पीओटीएस की समस्या में रक्त संचार का संतुलन ठीक तरीके से नहीं हो पाता है। इसका मतलब है कि शरीर रक्तचाप को स्थिर नहीं रख पाता है। इस कारण से जब भी आप खड़े होते हैं तो शरीर का ज्यादातर रक्त नीचे और ऊपरी हिस्से में रक्त की कमी हो जाती है।
क्यों होती है दिक्कत | Pots syndrome complications
हर व्यक्ति में पीओटीएस के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक ऑटोइम्यून विकार है। जब आपको कोई ऑटोइम्यून विकार होता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अज्ञात कारणों से स्वस्थ ऊतकों पर ही अटैक कर देती है। इसका आनुवांशिक जोखिम भी देखा जाता रहा है और ये समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ प्रकार की बीमारियों के कारण भी लोगों में पीओटीएस का खतरा बढ़ता हुआ देखा गया है।
एनीमिया (पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं की कमी)।
ऑटोइम्यून बीमारियां, जैसे स्जोग्रेन सिंड्रोम या ल्यूपस।
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम।
मधुमेह की समस्या।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस रोग।
कोविड-19 शिकार लोगों में समस्या।
पीओटीएस समस्या | Pots syndrome complications
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पीओटीएस में चूंकि रक्त के संचार की समस्या हो जाती है, इसलिए इससे आपके पूरे शरीर का संतुलन बिगाड़ सकता है। सामान्यतौर पर इसके कारण लोगों में चक्कर आने या बेहोशी, धुंधला दिखाई देने, जी मिचलाने-उल्टी, अत्यधिक पसीना आने, थकान महसूस होने की समस्या हो सकती है। ये रक्तचाप के अधिक या कम होने या फिर दिल की धड़कन के तेज या धीमी होना का भी कारण बन सकती है। कुछ लोगों के हाथों और पैरों का रंग भी असामान्य होने लग सकता है। यदि रक्त हृदय से नीचे बना रहता है इससे चेहरा पीला पड़ने या हाथों का रंग बैंगनी होने की भी दिक्कत हो सकती है।
उपचार और बचाव | Pots syndrome complications
पीओटीएस का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, पर कुछ सहायक चिकित्सा विधियों से इसके कारण होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है। रक्त के संचार को ठीक रखने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं। इसके अलावा रक्त के संचार से संबंधित समस्याओं के लिए लाइफस्टाइल में सुधार करने की सलाह दी जाती है। नियमित व्यायाम करना इसमें आपके लिए मददगार हो सकता है। रक्तचाप और हृदय गति को ठीक बनाए रखने में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। अगर आपको भी पीओटीएस की समस्या का अनुभव होता है तो इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।