Saturday, July 27, 2024

Political Background Nitish Kumar सत्ता के बहुत महान खिलाड़ी हैं नीतीश कुमार, उनका नरेंद्र मोदी के पैर छूने के लिए झुकना 4 इशारे करता है

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Khabarwala 24 News New Delhi : Political Background Nitish Kumar मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह पीएम मोदी के सम्मान में अपने भाव व्यक्त किए वो कुछ ऐसा ही था। ये भी चाहते थे कि बस जल्दी शपथ ग्रहण भी हो जाए। इतना ही नहीं नीतीश कुमार स्पीच देने के बाद मोदी के पास जाते हैं और उनके पैर छूने की कोशिश करते हैं। पीएम मोदी भी उनके सम्मान में तुरंत खड़े हो जाते हैं और उन्हें झुकने से रोक लेते हैं। नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के प्रति जो विश्वास दिखा रहे थे, उनके शब्दों से उसे समझा जा सकता है। वो मोदी के नेतृत्व में पूर्ण आस्था ही दिखा रहे थे। दरअसल, नवनिर्वाचित एनडीए संसदीय दल की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का व्‍यवहार देखने लायक था। अगर आपका पोलिटिकल ओरिएंटेशन एनडीए की ओर है तो शायद पुरानी संसद के सेंट्रल हाल का ये दृश्य देखकर आप भाव विभोर भी हो सकते हैं। देश के 2 सम्मानित नेताओं का यह मिलन वास्तव में अद्भुत था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शायद उस वक्त कुछ ज्यादा ही भावुक हो गए थे। उनकी आंखें डबडबाई महसूस हो रहीं थीं।

1-इंडिया गठबंधन मिलने की आस कम (Political Background Nitish Kumar)

Political Background Nitish Kumar नीतीश कुमार सत्ता के बहुत महीन खिलाड़ी हैं। कुर्सी उनको बहुत दूर से दिखाई देती है. जहां तक बीजेपी के धुरंधरों की नजर नहीं पहुंच सकती। उसके आगे तक देखने का नजरिया उनके पास है। उन्हें बहुत पहले पता लग गया था कि इंडिया गठबंधन अभी सत्ता से कोसों दूर है इसलिए ही उन्होंने मौका देखकर एनडीए की ओर पलटी मार ली थी। वो जानते हैं कि अभी भी इंडिया गठबंधन में इतने दावेदार हैं कि वहां पीएम और डिप्टी पीएम के लिए बहुत मारा मारी है। इंडिया गठबंधन अगर सरकार बनाती भी है तो उसके ऑर्किटेक्ट कई होंगे। वहां पर राहुल गांधी ही नहीं अखिलेश यादव, ममता बनर्जी , अरविंद केजरीवाल जैसे कई लोग नीति नियंता बनेंगे। लालू ने जब उन्हें इंडिया गठबंधन का कन्वेनर नहीं बनने दिया तो नीतीश कुमार के साथ इंडिया गठबंधन में न्याय नहीं होने वाला है।

2-एनडीए में कोई बढ़िया डील हुई है (Political Background Nitish Kumar)

Political Background Nitish Kumar जिस तरह का भाषण देते समय नीतीश कुमार ने बिहार के विकास में जो बाकी है उसके बारे में बात की उससे लगता है कि कुछ तो डील हुई है। ‘इन्होंने पूरे देश की सेवा की है, पूरा भरोसा है जो कुछ भी बचा है अगली बार ये सब पूरा कर देंगे, जो भी राज्य का है हमलोग पूरे तौर पर सब दिन इनके साथ रहेंगे। हम देखें हैं कि इधर उधर कुछ जीत गया है। अगली बार जो आइएगा न तो सब हारेगा. उन लोगों (विपक्ष) ने आजतक कोई काम नही किया है देश बहुत आगे बढ़ेगा बिहार का सब काम हो ही जाएगा। नीतीश ने कहा, ‘बिहार के सभी लंबित काम पूरे किए जाएंगे। यह बहुत अच्छी बात है कि हम सभी एक साथ आए हैं और हम सभी आपके (पीएम मोदी) साथ मिलकर काम करेंगे। आप रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे, लेकिन मैं चाहता था कि आप आज ही शपथ लें. जब भी आप शपथ लेंगे। हम आपके साथ होंगे…

3-बहुत पुराने संबंध मोदी-नीतीश के (Political Background Nitish Kumar)

Political Background Nitish Kumar नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के बीच बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। हां ये भी रहा है कि बीच-बीच में नीतीश कुमार रूठ जाते रहे हैं पर इसका कारण इतना राजनीतिक रहा है कि नरेंद्र मोदी ने भी कभी उसे दिल पर नहीं लिया। यही नीतीश कुमार के लिए भी रहा है। नरेंद्र मोदी से उनकी जब भी दूरी बनी उसका कारण राजनीतिक लाभ ही लेना था। व्यक्तिगत रूप से दोनों के बीच ऐसा कोई कारण नहीं था जिसे दुश्मनी का आधार मान लिया जाए। नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी का उस समय साथ दिया जिस समय उनकी पार्टी के लोग भी उनके पक्ष में बोलने को तैयार नहीं थे। 2002 में हुए गुजरात दंगों के चलते जिस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी से लोग रिजाइन चाहते थे उस समय नीतीश कुमार ने मौन रहकर अपने दोस्त की मदद की थी। बाद के दौर में हालांकि नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी से अपनी बहुत दूरी बना ली।

4-नीतीश कुमार को सम्मान की जरूरत (Political Background Nitish Kumar)

Political Background Nitish Kumar नीतीश कुमार अभी राजनीति से संन्यास लेने के मूड में नहीं हैं. वो 2024 के चुनावों का हश्र देख चुके हैं। वो जानते हैं कि उनकी पार्टी के कोर वोटर्स बीजेपी के साथ ज्यादा महफूज महसूस करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में आरजेडी के साथ रहते तो संभावना थी कि नीतीश कुमार को इतनी बड़ी सफलता नहीं मिलती फिर मंडल की राजनीति जेडीयू और आरजेडी दोनों ही करते हैं। शायद यही कारण है कि आरजेडी हमेशा से जेडीयू को खत्म करने की कोशिश में होती है। आरजेडी के साथ सरकार में रहते हुए भी तेजस्वी और लालू यादव ने नीतीश कुमार को हैरान परेशान कर रखा था। बिहार सरकार के सारे काम का श्रेय तेजस्वी अकेले लेना चाहते थे। नीतीश कुमार शायद यही सब सोचकर बार-बार कहते हैं कि अब उन्‍हें कहीं नहीं जाना है। हालांकि कब उनका मन बदल जाए यह भी कोई नहीं जानता है।

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