नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (khabarwala24)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025’ में घोषणा की कि भारत आतंकवाद का निर्णायक जवाब देने के लिए चुप्पी से आगे बढ़ गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ कार्रवाई के एक स्पष्ट उदाहरण के रूप में रेखांकित किया, जिस पर वहां उपस्थित दर्शकों ने जोरदार तालियां बजाईं, जिसमें श्रीलंका के प्रधानमंत्री हरिणी अमरसूर्या, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट जैसी वैश्विक हस्तियां शामिल थीं।
उन्होंने कहा कि चुप भारत का युग समाप्त हो गया है। अब आत्मनिर्भर भारत चुप नहीं बैठेगा। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने 7 मई को हुई साहसिक सैन्य कार्रवाई का जिक्र किया, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। यह कार्रवाई लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ढांचे को नष्ट करने के लिए थी। भारतीय वायुसेना, नौसेना और थलसेना ने मिलकर ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें सटीक मिसाइलों से कई आतंकी ठिकाने तबाह किए गए और 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया।
यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी। यह हमला भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।
पीएम मोदी का यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के समय आया, जो भारत की रक्षा नीति में बदलाव को दर्शाता है, जिसमें अब रक्षात्मक रुख की जगह सक्रिय कार्रवाई को प्राथमिकता दी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025’ में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हवाई हमले की तरह है, जो उरी और पुलवामा हमलों के जवाब में आतंकी ठिकानों पर किए गए थे।
उन्होंने इसे आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प वाले नए भारत का हिस्सा बताया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देता है और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देता है।
समिट में वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई, जहां पीएम मोदी ने भारत की मजबूत नेतृत्व शैली को रेखांकित किया। उन्होंने वैश्विक संकटों के बावजूद भारत की आर्थिक ताकत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ”कोविड के बाद दुनिया में युद्ध और संघर्ष की खबरें थीं, लेकिन भारत आगे बढ़ता रहा। पिछले तीन सालों में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर 7.8% रही।”
उन्होंने दो दिन पहले घोषित 7 फीसदी माल निर्यात वृद्धि के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की प्रगति मजबूत है। यह आर्थिक ताकत भारत को सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और विकास को बनाए रखने में मदद करती है।
शुक्रवार को शुरू हुए ‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट’ में नीति निर्माताओं और सांस्कृतिक हस्तियों ने हिस्सा लिया।
Source : IANS
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