Khabarwala 24 News New Delhi : Bangladesh-India Trade Tension बांग्लादेश ने पाकिस्तान की हालत से सबक लेते हुए भारत के साथ चल रही व्यापारिक तनातनी में झुकने का फैसला किया है। हालात को और बिगड़ने से रोकने के लिए बांग्लादेश ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। बांग्लादेश सरकार का मानना है कि भारत के साथ व्यापार में तनाव दोनों देशों के लिए नुकसानदेह है और इस विवाद को बातचीत से सुलझाना चाहिए।
तनाव की शुरुआत कैसे हुई? (Bangladesh-India Trade Tension)
13 अप्रैल को बांग्लादेश ने भारत से यार्न (कपास से बने धागे) के आयात पर चार जमीनी बॉर्डर से रोक लगा दी थी। इसके जवाब में भारत ने बांग्लादेशी रेडीमेड गारमेंट्स की ट्रांसशिपमेंट सुविधा को रोक दिया। इसके बाद 17 मई को भारत ने बांग्लादेश से जमीनी सीमा से कपड़े, प्रोसेस्ड फूड, फर्नीचर और दूसरी चीज़ों के आयात पर रोक लगा दी। भारत, चीन के बाद बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है।
बात करें और हल निकालिए (Bangladesh-India Trade Tension)
बांग्लादेश के वाणिज्य सचिव महबुबुर रहमान ने एक अहम बैठक के बाद कहा है कि हमारी कोशिश है कि हालात और न बिगड़ें। भारत को बातचीत के लिए पहले ही एक औपचारिक पत्र भेजा गया है और वाणिज्य सचिव स्तर की बैठक का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम तो सिर्फ इतना कह रहे हैं कि बैठिए बात कीजिए और हल निकालिए।
प्रतिबंध टालने की गुजारिश (Bangladesh-India Trade Tension)
बैठक में मौजूद एक व्यापारी ने सरकार से अपील की है कि भारत से जमीनी सीमा के जरिए आयात पर लगे प्रतिबंध को कम से कम तीन महीने के लिए टालने की गुजारिश की जाए ताकि पेंडिंग माल को क्लियर किया जा सके। उनके मुताबिक पिछले 10 महीनों में बांग्लादेश ने करीब 3.5 लाख टन सामान भारत से जमीनी रास्ते के जरिए मंगवाया है क्योंकि समुद्री रास्ते से आयात करना महंगा पड़ता है।
बांग्लादेश को क्या चाहिए? (Bangladesh-India Trade Tension)
बांग्लादेश भारत से कच्चा माल, वस्त्र, मशीनरी, कृषि उत्पाद, खाद्य पदार्थ, केमिकल, चावल, सब्जियां, डेयरी और बहुत सारी जरूरत की चीजें मंगाता है। पिछले वित्तीय वर्ष में दोनों देशों के बीच कुल व्यापार $10.56 अरब डॉलर का रहा, जिसमें बांग्लादेश ने $1.56 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि $9 अरब डॉलर का सामान भारत से आयात किया।
जीरो ड्यूटी का फायदा (Bangladesh-India Trade Tension)
बांग्लादेश को SAARC के तहत ‘साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया’ (SAFTA) समझौते के चलते भारत में जीरो ड्यूटी का फायदा भी मिलता है। फिलहाल बांग्लादेश सरकार इंतजार कर रही है कि भारत बैठक के लिए हामी भरे। अगर बातचीत होती है, तो इस तनाव का समाधान जल्दी निकल सकता है लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ, तो दोनों तरफ़ के कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।