Khabarwala 24 News New Delhi : Lord Shiva Pandavas Curse भविष्य पुराण के अनुसार, महाभारत के युद्ध के दौरान आधी रात के समय गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा, कृतवर्मा और कृपाचार्य ये तीनों पांडवों के शिविर के पास गए और उन्होंने मन ही मन भगवान शिव की आराधना करनी आरंभ कर दी। इन तीनों की आराधना से भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने इन तीनों को पांडवों के शिविर के अंदर प्रवेश करने की आज्ञा दे दी। इसके बाद अश्वत्थामा ने पांडवों के शिविर में प्रवेश किया और भगवान शिव से वरदान में प्राप्त तलवार से पांडवों के सभी पुत्रों का सोते हुए ही वध कर दिया और पांडवों के शिविर से चुपचाप चले गए।
पांडवों को इसलिए मिला श्राप (Lord Shiva Pandavas Curse)
जब पांडवों को इस बारे में पता चला कि किसी ने उनके पुत्रों की सोते हुए ही हत्या कर दी तब वे अज्ञानवश भगवान शिव को ही अपराधी समझने लगे और भगवान शिव से ही युद्ध के लिए निकल पड़े. जब पांडवों और भगवान शिव का आमना-सामना हुआ तो पांडव युद्ध करने के लिए उनके सामने पहुंचे और उन्होंने भगवान शिव पर वार करने की कोशिश की तो उनके सभी अस्त्र-शस्त्र भगवान शिव में विलीन हो गए।
अपराध का फल कलियुग में (Lord Shiva Pandavas Curse)
इससे भगवान शिव क्रोधित हुए और बोले कि तुम सभी श्रीकृष्ण के भक्त हो इसलिए इस अपराध का फल तुम्हें इस जन्म में न मिलकर कलियुग में मिलेगा। इस अपराध के फल तुम्हें कलयुग में फिर से जन्म लेकर भोगना होगा. भगवान शिव के श्राप के बाद सभी पांडव भगवान श्रीकृष्ण के पास पहुंचे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें बताया कि सभी पांडव कलयुग में कहां कहां और किसके घर जन्म लेंगे।
कलियुग में पांडवाें का जन्म (Lord Shiva Pandavas Curse)
कलियुग में अर्जुन ने परिलोक नाम के राजा के यहां जन्म लिया था। तब उनका नाम ब्रह्मानंद था और वे शिवभक्त थे।
धर्मराज युधिष्ठिर का जन्म वत्सराज नाम के राजा के यहां पुत्र के रूप में हुआ। तब इनका नाम बलखानि (मलखान) था।
कलियुग में भीम का नाम वीरण था और ये वनरस नाम के राज्य के राजा बने।
नकुल का जन्म कान्यकुब्ज के राजा रत्नभानु के यहां हुआ। तब इनका नाम लक्ष्मण था।
कलयुग में सहदेव का जन्म भीमसिंह नाम के राजा के घर में हुआ। तब उनका नाम देवसिंह था।