Khabarwala 24 News New Delhi : Lord Hanuman Wife Temple हिंदू धर्म में हनुमान जी को भगवान श्रीराम का परम भक्त कहा गया है और ब्रह्मचारी के रूप में उनका पूजन किया जाता है! कहते हैं कि हनुमान जी का पूजन करने से व्यक्ति को रोग, दोष, भय या कष्टों से मुक्ति मिलती है इसलिए उनका एक नाम संकटमोचन भी है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और इसलिए उनकी पूजा करते समय महिलाओं को कुछ नियमों का ध्यान रखना पड़ता है लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी का पूजन उनकी पत्नी के साथ किया जाता है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल जरूर आएगा कि क्या हनुमान जी विवाहित थे? आइए जानते हैं कब और कैसे हुआ था हनुमान जी का विवाह।
हनुमान जी के विवाह का सच (Lord Hanuman Wife Temple)
धर्म शास्त्रों में हनुमान जी को ब्रह्मचारी बताया गया है लेकिन पराशर संहिता के अनुसार हनुमान जी का विवाह हुआ था और इसलिए एक मंदिर में उनकी पत्नी के साथ वह विराजमान हैं लेकिन हनुमान जी के विवाह के पीछे खास वजह और रहस्य छिपा हुआ है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी ने अपने गुरु सूर्य देव से 9 विद्याओं की शिक्षा ले रहे थे। सूर्य देव ने उन्हें 5 विद्याएं तो सिखा दीं लेकिन जब अन्य 4 विद्याओं का समय आया तो सूर्य देव स्वंय परेशान हो गए क्योंकि ये 4 विद्याएं केवल विवाहित होने पर ही प्राप्त की जा सकती थीं। ऐसे में सूर्य देव ने हनुमान जी को विवाह का सुझाव दिया लेकिन हनुमान तो बाल ब्रह्मचारी थे।
तपस्या में लीन हो गई सुवर्चला (Lord Hanuman Wife Temple)
हनुमान जी की परेशानी और दुविधा को देखते हुए सूर्य देव उन्हें इसका हल बताया। सूर्य देव ने अपनी तपस्वी बेटी सुवर्चला के साथ हनुमान को विवाह करने की सलाह दी क्योंकि सुवर्चला हमेशा तपस्या में लीन रहती थीं और उन्हें गृहस्थ जीवन में नहीं जाना था।
ऐसे में सूर्य देव ने हनुमान जी से कहा कि यदि वह सुवर्चला से विवाह कर लेंगे तो सुवर्चला की भी तपस्या भंग नहीं होगी और उनका भी ब्रह्मचारी व्रत नहीं टूटेगा। ऐसे में हनुमान जी सूर्य देव की बात मानकर सुवर्चला से विवाह कर लिया। विवाह के बाद सुवर्चला फिर से तपस्या में लीन हो गई और हनुमान जी ने बाकी 4 विद्याएं प्राप्त कीं।
पत्नी के साथ विराजमान हनुमान (Lord Hanuman Wife Temple)
तेलंगाना के खम्मम जिले के येल्नाडू में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर स्थित है जहां वह अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ विराजमान हैं। यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी का पूजन उनकी पत्नी के साथ किया जाता है। वहां के लोगों में इस मंदिर को लेकर काफी मान्यता है। इस मंदिर में हर साल ज्येष्ठ शुद्ध दशमी के दिन माता सुवर्चला और हनुमान जी के विवाह का उत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
Disclaimer : यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Khabarwala 24 News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।