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Lab On Wheels 11 सालों से अनोखा प्रयास कर रहे पंजाब के यह टीचर, कार को बनाया लैब, घर-घर तक पहुंचा रहे विज्ञान

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Khabarwala 24 News New Delhi : Lab On Wheels पिछले 11 सालों से पंजाब के यह टीचर एक अनोखा प्रयास कर रहे हैं। जो लोग विज्ञान तक नहीं पहुंच पा रहें, विज्ञान को उन तक पहुंचाने के लिए यह अनोखा प्रयास है ‘लैब ऑन व्हील्स’। चलती फिरती कार में आपको गणित के फॉर्मूले से लेकर अंतरिक्ष की अनोखी दुनिया तक, सब कुछ देखने को मिल जाएगा। चलती-फिरती साइंस लैब कभी देखी है आपने। दरअसल पटियाला, पंजाब के जसविंदर सिंह घर-घर तक विज्ञान पहुँचाना चाहते हैं। अपने इसी मकसद को पूरा करने के लिए जसविंदर ने इस अनोखी lab on Wheels को बनाया था।

प्रैक्टिकल से आया सिखाने का फार्मूला बाहर (Lab On Wheels)

उन्होंने बताया एक दिन मैं प्रैक्टिकल परीक्षा लेने के लिये स्कूल में गया था तो वहां बच्चों ने कहा ‘हमें तो टीचर ने बोला था कि साइन करके आ जाना है तो मैंने कहा तीन घंटे का प्रैक्टिकल पेपर है। कुछ करके दिखाओगे तो मैं मार्क्स दूंगा न। तभी मेरे मन में ख्याल आया इनको कुछ प्रैक्टिकल कराया जाए। तो जब बच्चों को मैंने सिखाना शुरू किया तो उन्होंने कहा कि और बताओ।

जरूरतमंदों तक विज्ञान पहुंचाने का फैसला (Lab On Wheels)

इस घटना से जसविंदर को समझ आ गया कि बच्चों को किताबें नहीं, प्रैक्टिकल तरीके से ही विज्ञान से जोड़ा जा सकता है। बस फिर क्या था उसी समय उन्होंने फैसला कर लिया कि जो लोग विज्ञान के पास नहीं आ रहे, विज्ञान को वह खुद उन तक लेकर जाएंगे। उन्होंने अपने पैसों से यह लैब बनाई और शहर के अलग-अलग संस्थानों, चौराहों, यहाँ तक की मंदिरों में जाकर भी वह लोगों को ग्रहों, चुंबक और बिजली के बारे में बताते हैं।

11 राज्यों में भी इस तरह की प्रदर्शनी लगाई (Lab On Wheels)

इस तरह आजतक वह 1359 प्रदर्शनियां लगा चुके हैं। उन्होंने भारत के 11 राज्यों में भी इस तरह की प्रदर्शनी लगाई है। और करीबन 7 लाख लोगों से मिलकर उन्हें विज्ञान से जोड़ने का काम किया है। इतना ही नहीं अपने इस प्रयास के लिए वह International Book of Record, Pride of Punjab, शिक्षा रत्न अवार्ड जैसे कई सम्मान भी हासिल कर चुके हैं।

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