Khabarwala 24 News New Delhi : Interesting Fact Lord Parshuram धर्म ग्रंथों के अनुसार, परशुराम भगवान विष्णु के अवतार थे। परशुराम जन्म से तो ब्राह्मण थे, लेकिन इनका स्वभाव क्षत्रियों के समान क्रोधी था। इन्होंने क्रोध में आकर 21 बार धरती को क्षत्रिय विहिन कर दिया था यानी संसार के सभी क्षत्रियों का वध कर दिया था।
ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के बाद भी परशुराम इतने क्रोधी क्यों थे, इसके बारे में कम ही लोगों को पता है। इससे संबंधित एक कथा ग्रंथों में मिलती है, जो इस प्रकार है…
महाभारत में है ये कथा (Interesting Fact Lord Parshuram)
महाभारत में भगवान परशुराम का काफी वर्णन मिलता है। उसके अनुसार, महर्षि भृगु नाम के एक परम तपस्वी ऋषि थे। उनका पुत्र का नाम ऋचिक था, ये भी पिता के ही समान थे। विवाह योग्य होने पर महर्षि भृगु ने ऋचिक का विवाह राजा गाधि की पुत्री सत्यवती से करवा दिया।
महर्षि भृगु ने दिए 2 फल (Interesting Fact Lord Parshuram)
राजा गाधि की एक मात्र संतान सत्यवती थी। अपने पिता का वंश बढ़ाने के लिए सत्यवती ने अपने ससुर महर्षि भृगु से याचना की। महर्षि भृगु ने सत्यवती को दो फल दिए और कहा कि ‘तुम गूलर के वृक्ष का तथा तुम्हारी माता पीपल के वृक्ष का आलिंगन करने के बाद ये फल खा लेना।’
सत्यवती ने कर दी गलती (Interesting Fact Lord Parshuram)
सत्यवती और उनकी माता ने गलत वृक्षों का आलिंगन कर लिया। महर्षि भृगु को ये बात पता चली तो उन्होंने कहा कि ‘तूने गलत वृक्ष का आलिंगन किया है। इसलिए तेरा पुत्र ब्राह्मण होने पर भी क्षत्रिय गुणों वाला रहेगा और तेरी माता का पुत्र क्षत्रिय होने पर भी ब्राह्मणों की तरह रहेगा।’
इसलिए क्रोधी थे परशुराम (Interesting Fact Lord Parshuram)
महर्षि भृगु की बात सुनकर सत्यवती ने कहा ‘मेरा पुत्र क्षत्रिय गुणों वाला न हो भले ही मेरा पौत्र ऐसा हो। महर्षि भृगु ने कहा ऐसा ही होगा। सत्यवती के गर्भ से जमदग्रि मुनि का जन्म हुआ। इनका विवाह रेणुका से हुआ। मुनि जमदग्रि के चौथे पुत्र हैं परशुराम, जिनका स्वभाव क्षत्रियों के समान है।