Khabarwala 24 News New Delhi : IND-PAK Army Power अगस्त 1947 में पाकिस्तान की स्थापना भारत की आज़ादी और उपमहाद्वीप के विभाजन के बाद हुई थी। पाक हमेशा से भारत का पश्चिमी पड़ोसी रहा है और लंबे समय से चिंता का कारण रहा है।हालाँकि पाकिस्तान को भारत के साथ चार युद्धों में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा बार-बार हराया गया है। आज देश अपनी विशाल और शक्तिशाली सेना का दावा करता है, जिसका निर्माण काफी हद तक भारत को ध्यान में रखकर किया गया है।
सैन्य ताकत (IND-PAK Army Power)
पाक ने अब अपनी सैन्य संपत्ति में बड़ा सुधार किया है। पाकिस्तानी सेना के पास 3,742 टैंक और 50,523 बख्तरबंद गाड़ियाँ हैं। वहीं, भारत के पास 1,51,248 बख्तरबंद गाड़ियां हैं, जो करीब तीन गुना ज्यादा है। पाकिस्तान के पास 752 स्वचालित बंदूकें हैं, जबकि भारत के पास केवल 140 हैं। इस क्षेत्र में पाकिस्तान आगे है। खींची गई बंदूकों की संख्या लगभग बराबर है। पाकिस्तान में 3,238 और भारत में 3,243 हैं। पाक सेना के पास 602 मोबाइल राॅकेट लॉन्चर हैं।
नौसेना शक्ति (IND-PAK Army Power)
पाकिस्तानी नौसेना के पास 114 जहाज हैं, जो दुनिया में 32वें स्थान पर हैं। भारत के पास 294 का बेड़ा है, जिसमें 2 विमानवाहक पोत भी शामिल हैं। पाकिस्तान के पास कोई विमानवाहक पोत नहीं है। पाकिस्तानी नौसेना के पास 8 पनडुब्बियां, 9 फ्रिगेट युद्धपोत और 69 गश्ती नौकाएं हैं।
मिसाइल सिस्टम (IND-PAK Army Power)
पाकिस्तान के पास कई तरह की बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलें हैं।
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम):
जीआईडीएस बख्तर – शिकन, कोर्नेट-ई ।
सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलें: हत्फ-1, हत्फ-IA, गजनवी ।
कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM):
अब्दाली, शाहीन-1, शाहीन – IAI
मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM):
गौरी -1, गौरी -II, अबाबील । इसके अलावा, पाकिस्तान के पास जहाज से प्रक्षेपित पनडुब्बी रोधी किट और जमीन से प्रक्षेपित जहाज रोधी मिसाइलें हैं।
परमाणु शक्ति (IND-PAK Army Power)
भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के अनुसार, जनवरी 2024 तक भारत के पास 172 परमाणु हथियार हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 हैं। जहां पाकिस्तान की सैन्य ताकत तेजी से बढ़ी है, वहीं भारत अपनी सैन्य संपत्ति और बुनियादी ढांचे में समग्र रूप से बहुत आगे है। फिर भी, यह तुलनात्मक तस्वीर दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक स्थिति को और चिंताजनक बनाती है।