Khabarwala 24 News Hapur: Hit And Run Law नए कानून हिट एंड रन के विरोध में सोमवार को रोडवेज के अलावा निजी बस व ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए। हड़ताल का ऑटो संचालन पर भी असर रहा और ऑटो की संख्या भी काफी कम रही। अपनी अन्य मांगों को लेकर ई रिक्शा चालकों की भी हड़ताल होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यात्री बसों के इंतजार में जहां तहां भटकते रहे।इस हड़ताल के कारण अगले कुछ दिनों में वस्तुओं के दामों में जबजस्त उतार चढ़ाव होने की संभावन बन गई है, जिससे आम जन जीवन प्रभावित होने के पूर्ण आसार बन गए है।
हड़ताल पर गए रोडवेज चालक (Hit And Run Law)
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए हिट एंड रन का पिछले काफी समय से विरोध चल रहा था। उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ के आह्वान पर सोमवार सुबह रोडवेज चालक हड़ताल पर चले गए। डिपो के अधिकारियों ने चालक बसों को लेकर डिपो से बाहर निकला, उन्हें भी वापस बुला लिया गया। रोडवेज बसों के साथ ट्रक यूनियन और अन्य निजी बस और ट्रांसपोर्टर भी हड़ताल पर रहे। ऑटो संचालन पर भी हड़ताल का असर देखने को मिला और सडक़ों पर कम ही ऑटो देखने को मिले और हड़ताली कर्मचारियों ने इनका संचालन भी बंद कराने का प्रयास किया। इस स्थिति से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सडक़ों पर जगह जगह लोगों की भीड़ सवारियों के लिए भटकती नजर आई।
जनजीवन रहा अस्त व्यस्त (Hit And Run Law)
बड़ी संख्या में बसों के पहिए थमने से जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया।यात्रियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा।दूसरे शहरों अथवा अन्य स्थानों पर जाने वाले लोग वाहनों के पहिए थमने के कारण अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को हुई जो अपने कार्य से शहर में पहुंच गए तथा वाहन नहीं मिलने के कारण यहां फस गए। दोपहर को प्राइवेट बस, ट्रक आदि चालकों ने वाहनों को खड़ा कर दिया। वाहनों के पहिए थमने से परेशान यात्री इधर से उधर भटकते नजर आए तथा मीलों तक पैदल चलना पड़ा। हालात ऐसे हो गए है कि वाहनों के नहीं चलने से शहर में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा तथा सड़कों पर सुनसान जैसी स्थिति दिखाई दी।चालकों का कहना था कि नए नियम के बाद चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ जाएगा।
ट्रांसपोर्ट का कार्य हुआ ठप (Hit And Run Law)
ट्रांसपोर्ट एसोसिएसन के अध्यक्ष संजय सोढी ने बताया कि नए नियम के विरोध में ट्रक, कैंटर आदि चालकों द्वारा स्वत: ही वाहनों को चलाने से इंकार कर दिया, जिसके कारण ट्रांसपोर्ट का सभी कार्य बंद हो गया।वाहनों के नहीं चलने से वाहन स्वामियों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा, जिसमें कई तरह की दिक्कत खड़ी होने वाली है।उन्होने कहा कि हड़ताल को लेकर अगले दो दिनों में रणनीति बनाई जाएगी।वाहनों के नहीं चलने से प्राइवेट सेक्टर में लाखों रुपये प्रतिदिन नुकसान हाेने का अनुमान है।वहीं ट्रांसपोर्ट का पूर्ण रूप से संचालन नहीं होने की स्थिति में आने वाले दिनों में सब्जियों सहित कई चीजों के दाम पर असर पड़ना तय है, इसके अतिरिक्त बाहर से आने वाली चीजों के आवक में कमी आने पर उनके दामों में तेजी आने की भी पूर्ण उम्मीद है।