Khabarwala 24 News Hapur: Hapur बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में रिश्ते के दादा ने 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। अपर जिला सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मात्र 23 कार्य दिवस में सजा सुनाई है। जिंदल ने अभियुक्त को अंतिम सांस तक आजावीन कारावास की सजा और 80 हजार रुपये के अर्थदंड से दंड़ित किया है।
क्या है पूरा मामला (Hapur)
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी और विजय चौहान ने बताया कि 31जुलाई 2024 को हापुड़ के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने थाना बहादुरगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें बताया गया कि उसके छोटे भाई व उसकी पत्नी की मृत्यु लगभग 14 वर्ष पहले हो गयी थी।
उसके छोटे भाई के बच्चे उसके बहादुरगढ़ क्षेत्र के एक गांव निवासी फूफा कैलाश के पास लगभग 10-12 साल से रह रहे थे। उसकी भतीजी के साथ उसका फूफा कैलाश लगभग 8 महीने से गलत काम कर रहा था, जिससे मेरी भतीजी गर्भवती हो गई। आरोपी फूफा उसकी भतीजी को उसके घर यह कहकर छोड आया कि इसके पेट में नले हो गए है। उसकी भतीजी ने यह सारी घटना उसकी पत्नी को बतायी। पीड़ित की तहरीर पर बहादुरगढ़ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर साक्ष्य एकत्र करते हुए चार्जशीट न्यायालय प्रस्तुत किया।
यह सुनाई सजा (Hapur)
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी और विजय चौहान ने बताया कि इस मुकदमें की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट उमाकांत जिन्दल की न्यायालय में हुई। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभियुक्त कैलाश को न्यायालय ने अभियुक्त कैलाश को धारा 3/4 (2) पोक्सो एक्ट के अंतर्गत आजीवन सश्रम कारावास (जिसका तात्पर्य उसके नैसर्गिक जीवन के शेष के लिए कारावास है) एवं बीस हजार रूपये के अर्थदंड।
धारा 5-एन/6 पोक्सो एक्ट के अंतर्गत आजीवन सश्रम कारावास ( जिसका तात्पर्य उसके नैसर्गिक जीवन के शेष के लिए कारावास है) एवं बीस हजार रूपये के अर्थदंड, धारा 5-एल/6 पोक्सो एक्ट के अन्र्तगत आजीवन सश्रम कारावास (जिसका तात्पर्य उसके नैसर्गिक जीवन के शेष के लिए कारावास है) एवं बीस हजार रुपये के अर्थदंड दे दंडित किया।
सभी सजाएं एक साथ चलेंगी (Hapur)
उन्होंने बताया कि धारा 5-जे (ii)/6 पोक्सो एक्ट के अन्र्तगत आजीवन सश्रम कारावास (जिसका तात्पर्य उसके नैसर्गिक जीवन के शेष के लिए कारावास है) एवं एवं बीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। धारा 323 भा.दं संमें 6 माह के कारावास, धारा 506 भा.दं सं में 2 वर्ष के कारावास से दंडित किया है। उपरोक्त सभी सजाए एक साथ चलेंगी। अभियुक्त द्वारा भुगतान किए जाने के उपरान्त समस्त अर्थदण्ड की धनराशि पीड़िता को बतौर प्रतिकर देय होगी। पोक्सो एक्ट के प्रावधानों के अनुसार पीड़िता को पुनर्वास हेतु अंकन एक लाख रूपये की प्रतिकर धनराशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हापुड़ द्वारा पीड़िता को देय होगी।
अभियुक्त ने किया राक्षसी प्रवृत्ति का आपराधिक कृत्य (Hapur)
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट उमाकांत जिन्दल ने मुकदमें को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अभियुक्त कैलाश 61 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति है, उसके द्वारा बिना माता पिता की अबोध बालिका / पीडिता, जिसका यह रिश्ते में बाबा लगता था तथा जिसे वह लालन पालन के लिए कहकर अपने घर लाया था।
पीड़िता के साथ कई बार बलात्कार / गुरूत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप पीडिता गर्भवती हो गई तथा विधि विज्ञान प्रयोगशाला की वैज्ञानिक जांच में पीडिता के नवजात शिशु व अभियुक्त का डी.एन.ए समान पाया गया । अभियुक्त को ही पीडिता के नवजात शिशु का बायोलोजिकल पिता पाया गया है। अभियुक्त कैलाश को बिना माता पिता की अबोध बालिका / पीडिता के प्रति न केवल सहानुभूति होनी चाहिए थी बल्कि उसकी सुरक्षा व देखभाल का भी सामाजिक / पारिवारिक दायित्व उसे निभाना चाहिए था ।
लेकिन इस सबसे इतर रिश्तो की मर्यादा को तार तार करते हुए अभियुक्त कैलाश द्वारा अपनी उम्र और पीड़िता की स्थिति व परिस्थिति को नजरअंदाज करते हुए यह राक्षसी प्रवृति का आपराधिक कृत्य किया गया है।