Khabarwala 24 News Roshan Lal Nagrath: 14 जुलाई 2025 को बॉलीवुड के दिग्गज संगीत निर्देशक रोशन लाल नागरथ (Roshan Lal Nagrath) की 107वीं जन्म जयंती मनाई जा रही है। रोशन, जिन्हें ‘कव्वाली के बादशाह’ के नाम से जाना जाता है, ने हिंदी सिनेमा को अपनी मधुर धुनों और कालजयी गीतों से समृद्ध किया। उनके पोते ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan), बेटे राकेश रोशन (Rakesh Roshan) और राजेश रोशन (Rajesh Roshan) ने बॉलीवुड में उनकी विरासत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। आइए, इस मौके पर जानते हैं कि कैसे रोशन ने संगीत की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी।
संगीत के प्रति जुनून और शुरुआती सफर
14 जुलाई 1917 को ब्रिटिश इंडिया के गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) में जन्मे रोशन लाल नागरथ (Roshan Lal Nagrath) को बचपन से ही संगीत से गहरा लगाव था। उन्होंने कम उम्र में ही सरोद वादक उस्ताद अलाउद्दीन खान से संगीत की शिक्षा ली और कुशल सरोद वादक बने। 1940 में ख्वाजा खुर्शीद अनवर ने उन्हें ऑल इंडिया रेडियो में स्टाफ म्यूजिशियन के रूप में नियुक्त किया। 8 साल तक इस भूमिका में काम करने के बाद, 1948 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और मुंबई आकर बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाई।
बॉलीवुड में पहला कदम और ‘कव्वाली के बादशाह’ की उपाधि
रोशन का पहला गाना ‘ऐरी मैं तो प्रेम दीवानी मेरा दर्द ना जाने कोई’ फिल्म नौबहार (1952) के लिए था, जिसे लता मंगेशकर ने अपनी मखमली आवाज दी। 1956 में फिल्म ‘भला आदमी’ से उन्होंने पूर्णकालिक संगीत निर्देशन शुरू किया। रोशन की कव्वालियां और मधुर रचनाएं, जैसे ‘लागी नही छूटे रामा’ (बरसात की रात, 1960) और ‘जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा’ (ताज महल, 1963), ने उन्हें ‘कव्वाली के बादशाह’ का खिताब दिलाया। मोहम्मद रफी, तलत महमूद और आनंद बख्शी के साथ उनकी जोड़ी ने कई हिट गाने दिए, जो आज भी संगीत प्रेमियों की पसंद हैं।
चुनौतियां और निजी जीवन
रोशन ने ईरा मोइत्रा से शादी की, जिनसे उनके दो बेटे, राकेश रोशन (Rakesh Roshan) (प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक) और राजेश रोशन (Rajesh Roshan) (संगीतकार) हुए। करीब 20 साल तक हृदय संबंधी समस्याओं से जूझने के बाद, 16 नवंबर 1967 को 50 साल की उम्र में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु ने बॉलीवुड को एक बड़ा नुकसान पहुंचाया, लेकिन उनकी रचनाएं आज भी जीवित हैं।

रोशन फैमिली की विरासत
रोशन लाल नागरथ (Roshan Lal Nagrath) की विरासत को उनके बेटों और पोते ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) ने आगे बढ़ाया। ऋतिक ने 2000 में ‘कहो ना प्यार है’ से ब्लॉकबस्टर डेब्यू किया, जबकि राकेश रोशन ने ‘करण अर्जुन’ और ‘कोई मिल गया’ जैसी फिल्में बनाईं। राजेश रोशन ने ‘कभी खुशी कभी गम’ और ‘क्रिश’ जैसी फिल्मों में संगीत देकर परिवार का नाम रोशन किया। नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री ‘द रोशन्स’ में इस परिवार की संगीतमय और सिनेमाई यात्रा को बखूबी दर्शाया गया है।
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