Khabarwala 24 News New Delhi : Ajay Devgn Interesting Facts समय किसी बहती नदी की तरह निरंतर आगे बढ़ता रहता है, यह दिन एक ऐसे कलाकार का जन्मदिन लेकर आया है, जिसे कभी स्टारडम के पीछे भागने की जरूरत नहीं पड़ी, फिर भी उन्होंने अपनी प्रतिभा से बॉलीवुड में अलग ही मुकाम हासिल किया। अजय देवगन-सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनकी उपस्थिति ही सिनेमा को एक नया आयाम देती है। उनके पिता वीरू देवगन और मैं उस दौर में सिर्फ दो युवा थे, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए संघर्ष कर रहे थे। अजय देवगन के साथ मेरा रिश्ता सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जिंदगी से भी जुड़ा है।
सिनेमा से परे एक रिश्ता (Ajay Devgn Interesting Facts)
उनके पिता वीरू एक्शन की दुनिया में क्रांति लाने के लिए तैयार थे, और मैं कहानियों के माध्यम से अपनी पहचान बनाने के सफर पर था। फिर आई 1991 की फिल्म “फूल और कांटे”। यह महज एक और शुक्रवार को रिलीज़ होने वाली फिल्म नहीं थी, बल्कि यह वीरू देवगन के सपनों, अजय की वर्षों की तैयारी और उन पर विश्वास रखने वालों की आशाओं का प्रतीक थी।
सिनेमा में सच्चाई की खोज (Ajay Devgn Interesting Facts)
वीरू देवगन ने मुझसे कहा था, “उसे सिर्फ स्टार नहीं, एक्टर बनाओ।” यह सिर्फ एक अनुरोध नहीं था, बल्कि एक वादा था, जो अजय ने बखूबी निभाया। अजय देवगन उन चुनिंदा अभिनेताओं में से हैं, जो सिनेमा में खुद को साबित करने की दौड़ में कभी शामिल नहीं हुए। उन्होंने हमेशा अपने किरदारों में सच्चाई को तलाशा, चाहे वो “जख्म” का एक भावनात्मक सफर हो या “गंगूबाई काठियावाड़ी” में करीम लाला की भूमिका।
पूरी ईमानदारी से अपनाया (Ajay Devgn Interesting Facts)
गंगूबाई काठियावाड़ी के दौरान, अजय जानते थे कि यह फिल्म आलिया भट्ट की है, और उन्होंने इसे पूरी ईमानदारी से अपनाया। उन्होंने अपनी उपस्थिति से फिल्म को और मजबूत किया, बिना यह सोचे कि उन्हें लाइमलाइट मिलेगी या नहीं। जब मैंने फिल्म देखने के बाद उन्हें कॉल किया, तो मैंने कहा, “अजय, यही तुम्हारा जादू है। तुम सीन चुराते नहीं, उन्हें संपूर्ण बनाते हो।”
“जख्म” को हां कहा, नहाते हुए (Ajay Devgn Interesting Facts)
1998 में, जब मैंने उन्हें “जख्म” ऑफर की, तो वह चेन्नई में थे और नहा रहे थे। बिना कोई शर्त या सवाल किए, उन्होंने बस इतना कहा, “मैं यह कर रहा हूं।” यही वह समर्पण था, जिसने उन्हें नेशनल अवॉर्ड दिलाया। लेकिन जब उन्होंने वह अवॉर्ड जीता, तो उनकी सोच खुद के बारे में नहीं थी, बल्कि उस बच्चे के बारे में थी जिसने फिल्म में उनके बचपन का किरदार निभाया था। उन्होंने कहा था, “कुणाल खेमू ने मेरी परफॉर्मेंस को गहराई दी। असली अवॉर्ड का हकदार वही था।”
दूसरों को चमकाने की सोच (Ajay Devgn Interesting Facts)
एक अभिनेता जो अपनी जगह बनाने की नहीं, दूसरों को चमकाने की सोचता है। अजय देवगन को सिनेमा का असली जादू पता है-यह केवल खुद को साबित करने में नहीं, बल्कि कहानी को जीवंत करने में है। उनका सफर सिर्फ उनका नहीं, बल्कि हम सभी का है, जिन्होंने उन्हें देखा, सराहा और उनसे सीखा। आज जब वह 56 साल के हो गए हैं, तो मेरी उनके लिए यही कामना है-नई कहानियां, नई ऊंचाइयां और वही ईमानदारी, जिसने उन्हें आज भी बॉलीवुड का ‘सिंघम’ बनाए रखा है।