Khabarwala24 News CCSU Meerut: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU), मेरठ से संबद्ध 76 बीएड कॉलेजों की मान्यता नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) ने रद्द कर दी है। इन कॉलेजों पर मानकों की अनदेखी का आरोप है। एनसीटीई ने बार-बार चेतावनी देने के बावजूद नियमों का पालन न करने वाले इन संस्थानों की मान्यता समाप्त कर दी। इस कारण सत्र 2025-26 में बीएड पाठ्यक्रम के लिए होने वाली काउंसलिंग में इन कॉलेजों को शामिल नहीं किया जाएगा।
1,059 शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद्द
एनसीटीई (NCTE) ने 27 जून को प्रदेश के 1,059 शिक्षण संस्थानों की सूची जारी की थी, जिनकी मान्यता समाप्त की गई। इनमें से 178 बीएड कॉलेज थे, जिनमें सीसीएसयू के 76 कॉलेज शामिल हैं। इन कॉलेजों में मेरठ मंडल के छह जिलों (मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और हापुड़) के संस्थान शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने इन कॉलेजों को गुरुवार, 17 जुलाई तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने और सटीक विवरण जमा करने का अंतिम मौका दिया है।
अन्य कॉलेजों पर बढ़ेगा प्रवेश का दबाव
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) के अंतर्गत 350 से अधिक बीएड कॉलेज संचालित हैं। इनमें से 76 कॉलेजों में प्रवेश रुकने से बाकी कॉलेजों पर दाखिले का दबाव बढ़ सकता है। एनसीटीई ने न केवल बीएड, बल्कि बीपीएड, डीएलएड, एमएससी एजुकेशन और एमएड जैसे पाठ्यक्रमों वाले संस्थानों की भी मान्यता रद्द की है। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों में चिंता बढ़ गई है।
चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू करने में देरी
एनसीटीई (NCTE) ने यह कार्रवाई इसलिए की, क्योंकि कॉलेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने में नाकाम रहे। कई बार अतिरिक्त समय देने के बावजूद कॉलेजों ने मानकों का पालन नहीं किया। न्यूनतम सुविधाओं जैसे बुनियादी ढांचा, शिक्षक-छात्र अनुपात और शैक्षिक गुणवत्ता को लेकर भी ये कॉलेज मानकों पर खरे नहीं उतरे।
कॉलेजों को आखिरी मौका (CCSU)
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) ने इन 76 कॉलेजों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए गुरुवार दोपहर 1 बजे तक का समय दिया है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रभावित कॉलेजों की सूची अपलोड की गई है। अगर कॉलेज समय पर जवाब नहीं दे पाए, तो उनकी मान्यता स्थायी रूप से रद्द हो सकती है।
विद्यार्थियों के लिए क्या होगा असर?
इस फैसले से बीएड में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को परेशानी हो सकती है। सीटों की कमी के कारण अन्य कॉलेजों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि एनसीटीई (NCTE) की यह कार्रवाई शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में उठाया गया कदम है, लेकिन इसका असर उन विद्यार्थियों पर पड़ सकता है, जो पहले से ही इन कॉलेजों में पढ़ रहे हैं।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) के 76 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द होने से शिक्षा क्षेत्र में हलचल मच गई है। एनसीटीई की सख्ती से कॉलेजों को अब मानकों का पालन करना होगा, वरना उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे दाखिला लेने से पहले कॉलेज की मान्यता की जांच कर लें।
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