खबरवाला 24 न्यूज गाजियाबाद: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश परवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने वर्ष 2006 में एटा में हुई फर्जी मुठभेड़ में बढ़ई राजाराम की हत्या के मामले में सेवानिवृत्त थानाध्यक्ष समेत नौ पुलिस कर्मियों को सजी सुनाई है।
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अनुराग मोदी ने बताया कि एटा जनपद के तत्कालीन थानाध्यक्ष सिढपुरा पवन सिंह, तत्कालीन उपनिरीक्षक श्रीपाल ठेनुआ, कांस्टेबल सरनाम सिंह, राजेंद्र प्रसाद, मोहकम सिंह को हत्या व साक्ष्य मिटाने के आरोप में उम्र क़ैद की सजा सुनाकर पांचों पर 33-33 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया है। जबकि साक्ष्य मिटाने के दोष में कांस्टेबल बलदेव प्रसाद, अवधेश रावत, अजय कुमार, सुमेर सिंह को पांच साल की सजा सुनाई है। इसके साथ साथ 11-11 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया गया।
18 अगस्त 2006 को एटा जिले के सिढपुरा थानाक्षेत्र में बढ़ई राजाराम को डकैत बताकर पुलिसकर्मियों ने फर्जी मुठभेड़ में उसकी हत्या कर दी थी। बढ़ई राजाराम के खिलाफ एक भी मुकदमा दर्ज नहीं था। मृतक बढ़ई की पत्नी ने इस मामले में हाई कोर्ट में गुहार लगाते हुए सीबीआइ जांच कराने की मांग की थी। हाई कोर्ट के आदेश वर्ष 2007 में मामला सीबीआइ को स्थानांतरित हुआ। 22 दिसंबर 2009 को सीबीआइ ने आरोपियों के खिलाफ हत्या, अपहरण व साक्ष्य मिटाने के आरोप में आरोप पत्र पेश किया था।