Khabarwala24News LUCkNOW: अब से 22 साल पहले Uttar Pardesh में परिवहन मंत्री DAYASANKAR SINGH दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री SWATI SINGH स्वाति सिंह के रिश्ते की शुरूआत प्रेम की बुनियाद पर हुई थी। जिसका दुखद अंत हो गया। Lucknow लखनऊ के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेंद्र नाथ सिंह ने दोनों की Divorce तलाक अर्जी पर मुहर लगा दी है। पिछले साल ही family court फैमिली कोर्ट में तलाक Divorce के लिए वाद दायर हुआ था। इसके बाद पारिवारिक न्यायालय ने तलाक की मंजूरी दे दी। आपको बता दें कि स्वाति सिंह ने 30 सितंबर 2022 को पारिवारिक न्यायालय में वाद दाखिल किया था। इसमें कहा था कि चार वर्षों से पति से अलग रह रही है। दोनों के बीच वैवाहिक रिश्ता नहीं है। दूसरे पक्ष के कोर्ट में उपस्थित न होने पर कोर्ट ने मुकदमें की कार्रवाई को एक पक्षीय रूप में सुना। इसमें वादनी के साक्ष्यों से सहमत होने के बाद तलाक को मंजूदी दे दी।
खारिज हो गई थी पहले अर्जी
SWATI SINGH स्वाति सिंह ने इससे पहले साल 2012 में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन ये अर्जी उनकी गैरहाजिरी के कारण अदालत ने खारिज कर दी थी। बताया गया कि स्वाति सिंह ने मार्च 2022 में अदालत में अर्जी देकर केस दोबारा शुरू करने की अपील की। हालांकि उस अर्जी को भी वापस लेते हुए नई याचिका दायर की गई थी।
ABVP (एबीवीपी) में सक्रियता के दौरान दोनों आए साथ
दयाशंकर सिंह व स्वाति सिंह के बीच रिश्ते की बुनियाद ABVP अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से पड़ी। दोनों उसमें सक्रिय थे। बताया जाता है कि स्वाति सिंह इलाहाबाद में MBA एमबीए की पढ़ाई कर रही थीं और DAYA SANKAR SINGHदयाशंकर सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय की STUDENT Politics छात्र राजनीति में अग्रिम पंक्ति के नेता थे। ABVP परिषद के कार्यक्रमों में दोनों का मेलजोल बढ़ा। दोनों बलिया के ही रहने वाले थे। इसलिए उनके रिश्ते और मजबूत हो गए। कुछ ही समय में दोनों विवाह बंधन में बंध गए। बाद में स्वाति सिंह ने विवि में पीएचडी में पंजीकरण कराया। साथ ही यहीं पर पढ़ाने भी लगीं।
अचानक राजनीति में SWATI स्वाति ने की एंट्री
राजनीति में स्वाति सिंह का प्रवेश बहुत नाटकीय रहा। DAYA SANKAR SINGH दयाशंकर सिंह की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती MAYAWATI को लेकर एक टिप्पणी के बाद जब विवाद में उनके परिवार को घसीटा गया तो स्वाति सिंह मुखर हुईं। उसके बाद उनके सितारे बुलंद हुए और वह सीधे BJP भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष, फिर विधायक और उसके बाद प्रदेश सरकार में मंत्री बनीं। हालांकि, इस बार उन्हें टिकट नहीं मिल पाया।
DAYA SANKAR SINGH को मिला मौका, SWATI का टिकट कटा
इस बार के विधानसभा चुनाव में स्वाति सिंह का टिकट काटकर BJP ने दयाशंकर को बलिया Ballia से टिकट दिया था, जहां से वह विधायक MLA हुए और उसके बाद योगी कैबिनेट में परिवहन मंत्री बने।
मंत्री बनने के बाद बिगड़ गए थे रिश्ते
2017 के विधानसभा चुनाव में दयाशंकर सिंह को टिकट नहीं मिला तो उनकी पत्नी स्वाति सिंह को भाजपा ने टिकट दिया था । स्वाति विधायक बनीं और फिर योगी सरकार में मंत्री बनीं। उसके बाद एक बार फिर दोनों के रिश्ते बेहद खराब हो गए।